Punjab News : बजट सत्र के पहले दिन ही भड़के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, बोले - कांग्रेस ने किया पवित्र सदन का अपमान

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि विधानसभा में बजट सत्र की शुरुआत के दौरान पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के भाषण में कांग्रेस पार्टी ने रुकावट डालने का प्रयास किया। इसकी वह सख्ती निंदा करते हैं। चीमा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ऐसा करके पवित्र सदन का अपमान किया है।
पंजाब के राज्यपाल द्वारा अपने भाषण के दौरान राज्य सरकार की एक साल की उपलब्धियों का जिक्र किया जाता है और कांग्रेस पार्टी इस बात से घबरा गई कि इन उपलब्धियों की जानकारी सदन की कार्यवाही के सीधे प्रसारण के द्वारा कहीं लोगों तक न पहुंच जाए। वह शुक्रवार को विधानसभा में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों के हित के लिए कांग्रेस पार्टी को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का भाषण ध्यान से सुनना चाहिए था और चार मार्च को वह इस भाषण पर होने वाली बहस के दौरान सरकार से सवाल करती और अपने सुझाव भी पेश करती।
उन्होंने कहा कि किसी समय यह कांग्रेस पार्टी इसी विधानसभा के अंदर रोष प्रदर्शन करती होती थी कि सत्र लंबे समय तक चलना चाहिए लेकिन आज उन्होंने कार्यवाही में बाधा डालकर लोकतंत्र का अपमान किया।
तीन कृषि कानूनों के विरुद्ध किसान संघर्ष का जिक्र करते हुए चीमा ने कांग्रेस पार्टी को सवाल किया कि क्या उस समय कांग्रेस पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्री ने कभी किसानों के हक में केंद्र को कोई पत्र लिखा।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब इन काले कानूनों के बारे में नीति बन रही थी तो उस समय पंजाब के वित्त मंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा नीति आयोग की बैठक में उपस्थित होकर भाजपा द्वारा बनाए गए तीन काले कानूनों के लए हामी भरी थी। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी और इसकी दिल्ली सरकार संघर्ष के दौरान किसानों के साथ कंधे से कंधा जोड़ कर खड़ी रही।
चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब द्वारा इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी मिलते ही शुभकरण सिंह के परिवार की सहायता के लिए एक करोड़ रुपये की सहायता और बहनों के भविष्य में भी हर संभव सहायता का एलान किया था। इस घटना की जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कानून अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वित्त मंत्री ने दोहराया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा पंजाब के राज्यपाल के भाषण में सिर्फ इसलिए रुकावट डाली गई, क्योंकि इस दौरान उन्होंने पंजाब की नई खेल नीति, खिलाड़ियों को नौकरियां, खेलों को उत्साहित करने के लिए किए गए प्रयास, शिक्षा क्रांति के अंतर्गत स्कूल ऑफ एमिनेंस का निर्माण, आम आदमी क्लीनिकों के द्वारा एक करोड़ से अधिक लोगों का इलाज, घरों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने समेत अन्य योजनाओं के बारे जानकारी देनी थी।