किला मामला: निर्माण कार्य नहीं रुका तो किले की पहाड़ी पर होगा अनशन : भानू

किला मामला: निर्माण कार्य नहीं रुका तो किले की पहाड़ी पर होगा अनशन : भानू


झांसी,10 मई(हि. स.)। महारानी लक्ष्मीबाई के किले के चहुओर पथ वे के निमार्ण को अवैध रुप से कराये जाने का आरोप लगाते हुए बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा निर्माण कार्य रुकवाने के लिए मोर्चा खोले हुए है। इसी क्रम में मंगलवार को मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, डायरेक्टर जनरल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, मंडल आयुक्त एवं जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।

ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि महारानी लक्ष्मीबाई के किले के चारों ओर किले की पहाड़ी (नींव) को खोद कर पुरातत्व एक्ट के खिलाफ अवैध निर्माण कार्य किये जाते देख उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत नगर निगम/ स्मार्ट सिटी लिमिटेड एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण झांसी सर्किल से जानकारी चाही कि महारानी लक्ष्मीबाई के किले के चारों ओर स्तिथ पहाड़ी को खोद कर सीमेंट, गिट्टी एवं बोल्डरों से पक्का निर्माण कराया जा रहा है यह निर्माण कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के किस नियम व एक्ट के अंतर्गत किया जा रहा है? सूचना का अधिकार में झांसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के मॉन्यूमेंट्स डायरेक्टर का अनुमति का पत्र दिया। मॉन्यूमेंट्स डायरेक्टर के अनुमति पत्र में कहा गया कि किले के पास बगीचा एवं लैंडसकैपिंग का कार्य झांसी सर्किल पुरातत्व विभाग की निगरानी में इस प्रकार से हो कि किसी भी प्रकार का कोई निर्माण कार्य नही किया जाएगा। पहाड़ी की ऊपरी मिट्टी को भी किसी तरह का नुकसान नही होना चाहिये। अत्यंत सावधानी बरती जाए तथा किसी भी तरह की भारी मशीन किले के निकट नही जा सकेगी। सूचना का अधिकार में झांसी सर्किल पुरातत्व विभाग ने बताया कि झांसी दुर्ग एवं दुर्ग के चतुर्दिक भूमि भी केंद्रीय संरक्षित स्मारक रानी झांसी के किले का हिस्सा है। जोकि भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय संरक्षित स्मारक की सूची में अधिसूचित है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के मॉन्यूमेंट्स डायरेक्टर की अनुमति का उल्लंघन करते हुए झांसी किले के चारो ओर पोकलिंग मशीन से किले की पहाड़ी की खुदाई करके किले की पहाड़ी पर बोल्डर, गिट्टी, बजरी एव सीमेंट से बाउंडरी वाल बनाकर पाथ वे का निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण कार्य के बीच मे आने वाले बड़ी- बड़ी चट्टानों को पोकलिंग मशीन की मदद से पहाड़ी के नीचे गिर दिया गया है। सबसे ज्यादा चिंता का विषय यह है कि जब अधिक वर्षा होगी तो खोदी गई पहाड़ी से मिट्टी बहेगी और घसेगी इससे कालान्तर में किले को भी क्षति होगी इसे नज़र अंदाज़ नही किया जा सकता। ज्ञापन में मांग की गई कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एक्ट एवं मॉन्यूमेंट्स डायरेक्टर की अनुमति का उल्लंघन करते हुए महारानी लक्ष्मीबाई के किले की पहाड़ी ( नींव) को खोद कर किये जा रहे अवैध एवं नियम विरुद्ध कार्य को तत्काल रुकवाने के आदेश पारित कर विश्व धरोहर को बचाई जाये। साथ ही संबंधितों के विरुद्ध समयबद्ध उच्च स्तरीय जांच करवाकर सजा दी जाए। साथ ही कहा कि शीघ्र काम नहीं रोका गया तो किले की पहाड़ी पर अनशन किया जाएगा। ज्ञापन देने वालो में रघुराज शर्मा, कुँवर बहादुर आदिम, प्रदीप झा, रशीद कुरेशी, अन्नू मिश्रा, नरेश वर्मा, विकास पूरी, प्रेम सपेरा, प्रभु कुशवाहा, कपिल बर्मा, बबलू, शकील अली आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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