योग, नेचुरोपैथी और आयुर्वेद भारत के लिए नया नहीं : राज्यपाल

योग, नेचुरोपैथी और आयुर्वेद भारत के लिए नया नहीं : राज्यपाल


रांची, 10 मई (हि.स.)। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि योग, नेचुरोपैथी, आयुर्वेद आदि विषय भारत के लिए नया नहीं है। सम्पूर्ण विश्व को ये हमारे देश की अहम देन है। उन्होंने कहा कि आज विदेशों से लोग शान्ति की खोज में भारत आते हैं। राज्यपाल मंगलवार को इंडियन नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन, बिहार और झारखंड की ओर से आर्यभट्ट सभागार में आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

राज्यपाल ने कहा कि आज अपार संपत्ति होते हुए भी लोग स्वास्थ्य कारणों से मनचाहा खा नहीं सकते हैं। हमारा शरीर एक मशीन की तरह है, जिस पर समय-समय पर ध्यान देना चाहिए। आज हमारे रसोईघर में जितने भी मसाले हैं जैसे- काली मिर्च, लौंग, दालचीनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। हमें यह जानकारी होनी चाहिए कि कितनी मात्रा में क्या लेना चाहिये।

उन्होंने कहा कि हमें अपनी अनुशासित जीवनशैली व्यतीत करना चाहिये। राज भवन में औषधीय पौधे लगाए जा रहे हैं। पौधे का कौन सा भाग किस बीमारी में लाभदायक होगा, लिखा होगा। राज्यपाल ने कहा कि हमें बच्चों को नेचुरोपैथी से अवगत कराना चाहिए। उन्हें उचित आहार लेना चाहिये ताकि वे सदा स्वस्थ रहें। उन्होंने कहा कि संतुलित मात्रा में भोजन ग्रहण करने, पर्याप्त मात्रा में जल का सेवन करने, व्यायाम करने, योग एवं ध्यान करने आदि से मनुष्य शारीरिक और मानसिक रूप से ऊर्जान्वित रहता है।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, डॉ मुकुल नारायण देव, अनंत विरादर, डॉ पंकज कुमार आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण

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