IAS Success Stories: किसी ने सच ही कहा है, 'कोशिश करने वाले के लिए कुछ भी असंभव नहीं है'. सपने देखने और सफलता को परिभाषित करने वाली आईएएस अधिकारी

आरती डोगरा (IAS Officer Arti Dogra) का वर्णन करने के लिए ये शब्द बहुत छोटे हैं. अगर आपमें हिम्मत है
IAS Success Stories: किसी ने सच ही कहा है, 'कोशिश करने वाले के लिए कुछ भी असंभव नहीं है'. सपने देखने और सफलता को परिभाषित करने वाली आईएएस अधिकारी

डिजिटल डेस्क : सच्ची लगन के साथ आरती डोगरा जैसा कुछ पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, तो आप निश्चित रूप से सबसे बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं.

कम कद की होने के बावजूद धैर्य कभी नहीं छोड़ा

आईएएस की सफलता की कई कहानियां साझा करने के बाद आज हम एक ऐसी लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसका समाज ने मजाक उड़ाया था,लेकिन कम कद की होने के बावजूद उसने अपना धैर्य कभी नहीं छोड़ा. एक आईएएस अधिकारी आरती डोगरा (Arti Dogra) की प्रेरक यात्रा पर एक नजर डालना जरूरी है, जो आपके लिए प्रेरणात्मक कहानी हो सकती है.

उत्तराखंड के देहरादून में जन्मी आरती डोगरा महज 3.5 फीट लंबी हैं. वह कर्नल राजेंद्र और कुमकुम डोगरा की बेटी हैं जो एक स्कूल प्रिंसिपल हैं. आरती डोगरा के माता-पिता ने जीवन के हर पहलू में उनका साथ दिया.
 
पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा को किया पास

जब आरती का जन्म हुआ, तो डॉक्टरों ने कहा कि वह एक सामान्य स्कूल में नहीं जा सकेगी, लेकिन सभी बाधाओं को पार करते हुए, डोगरा ने देहरादून के एक प्रतिष्ठित गर्ल्स स्कूल में दाखिला लिया

और दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया. बचपन से ही शारीरिक भेदभाव का सामना करने वाली आरती डोगरा ने अपने हौसले को कभी नहीं छोड़ा, उन्होंने पहले प्रयास में ही सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Exam) को पास कर लिया.

कई कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद महिला आईएएस अधिकारी आरती डोगरा ने भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी पास की. आरती डोगरा ने 2005 में अपने पहले प्रयास में AIR-56 के साथ सिविल सेवा परीक्षा पास की.

वह राजस्थान कैडर 2006 बैच से हैं और यहीं से एक समर्पित लोक सेवक के रूप में उनका सफर शुरू हुआ. वह तब से राजस्थान सरकार में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं.
 प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति से मिल चुका है सम्मान

आरती डोगरा जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) के रूप में सेवा करने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी थीं.

प्रशासन में अपने प्रभावी अभियानों और प्रदर्शन के कारण सुर्खियां बटोरीं. बीकानेर के जिला कलेक्टर के रूप में, आरती ने खुले में शौच मुक्त समाज बनाने के लिए 'बांको बिकानो' अभियान शुरू किया.

स्वच्छता मिशन लोगों के व्यवहार और मानसिकता में बदलाव पर केंद्रित था. उनके काम को न केवल राज्य सरकार ने सराहा, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी से भी वाहवाही बटोरी.

आरती डोगरा ने अपने कार्यकाल में बेहतरीन काम किया है. फिलहाल आरती डोगरा राजस्थान के अजमेर की कलेक्टर हैं. इससे पहले वे एसडीएम अजमेर के पद पर भी तैनात रह चुकी हैं.
  
गौरतलब है कि गामिनी के पिता डॉक्टर आलोक सिंगला और उनकी माता डॉ. नीरज सिंगला दोनों हिमाचल प्रदेश सरकार में चिकित्सा अधिकारी हैं और उनके भाई भी IIT खड़गपुर से ग्रेजुएट हैं. गामिनी अक्सर अपने पिता के साथ पढ़ाई के बारे में चर्चा करती थीं.

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