छोटे से गांव से उठकर उपराष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचे जगदीप धनकड़, जानिए इनकी कहानी

Jhunjhunu जिले के एक किसान परिवार में जन्मे धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की.
छोटे से गांव से उठकर उपराष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचे जगदीप धनकड़, जानिए इनकी कहानी

आपको जानकर खुशी होगी के राजस्थान का एक और लाल अब देश के सबसे सर्वोच्च पदों में से एक उपराष्ट्रपति पद तक पहुंच गया है. मरुधरा की धरा पर जन्में सत्ता पक्ष की ओर से पश्चिम बंगाल के पूर्व गवर्नर जगदीप धनखड़ का गांव शनिवार शाम से ही जश्न में डूब गया है.

धनखड़ के पैतृक गांव किठाना में कोई खुशी से झूमता नजर आ रहा है तो कई ढोल की थाप पर ठुमका लगा रहा है

धनखड़ ने झुंझुनू जिले के एक किसान परिवार में जन्म लिया :

Jhunjhunu जिले के एक किसान परिवार में जन्मे धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की. भौतिकी में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से LLB की उपाधि ली.

धनखड़ को एक खेल प्रेमी के रूप में भी जाना जाता है और वह राजस्थान ओलंपिक संघ और राजस्थान टेनिस संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं

VP Singh और chandrashekhar की सरकार में मंत्री भी रहे :

जगदीप धनखड़ 1989 के लोकसभा चुनाव में झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने 1990 में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया.VP Singh और chandrashekhar की सरकार में मंत्री भी रहे. 1991 में धनखड़ जनता दल छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए.

वहीं, 1993 में वह अजमेर के किशनगढ़ से विधायक बने. इसके बाद 2003 में वह कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हो गए. जुलाई 2019 में धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था..

लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति राजस्थान से :

धनखड़ के जीतने के बाद एक अजीब संयोग बना है. लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति एक ही राज्य राजस्थान से हैं. वर्तमान में ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष हैं.

और वह राजस्थान के कोटा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं.

बता दें कि पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल Jagdeep Dhankhar राजस्थान के प्रभावशाली जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.

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