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Avalanche In Uttarakhand : माणा में सेना-ITBP की मेहनत रंग लाई, 50 श्रमिकों को सुरक्षित निकाला, 5 की तलाश जारी

चमोली के माणा में हिमस्खलन: 50 श्रमिक रेस्क्यू, 5 की तलाश जारी। CM धामी की निगरानी में सेना-ITBP का युद्धस्तर पर अभियान।
Avalanche In Uttarakhand : माणा में सेना-ITBP की मेहनत रंग लाई, 50 श्रमिकों को सुरक्षित निकाला, 5 की तलाश जारी
हाइलाइट्स :
चमोली जिले के माणा में हुए हिमस्खलन से 50 श्रमिकों को सुरक्षित निकाला गया, जबकि 5 की तलाश जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सेना, ITBP और वायुसेना राहत कार्य में जुटी है। भारी बर्फबारी के बीच कंटेनरों की खोज और घायलों के इलाज पर जोर।

चमोली : चमोली जिले के माणा के पास हुए भयानक हिमस्खलन ने सबको हिलाकर रख दिया। शनिवार सुबह राहत और बचाव दलों ने मुस्तैदी दिखाते हुए 17 और श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया। इन सभी को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

अब तक कुल 50 श्रमिकों को इस आपदा से बचाया जा चुका है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद इस रेस्क्यू अभियान की निगरानी कर रहे हैं। शनिवार को सुबह उन्होंने हवाई सर्वेक्षण कर घटनास्थल का जायजा लिया और ज्योतिर्मठ में राहत कार्यों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री धामी ने यूएसडीएमए के राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने बताया कि बचाव दलों ने दिन-रात मेहनत कर 50 लोगों को सुरक्षित निकाला है, लेकिन अभी 5 श्रमिक लापता हैं। इनकी तलाश के लिए युद्धस्तर पर अभियान चल रहा है।

सेना और ITBP की टीमें भारी बर्फबारी के बीच 3 कंटेनरों का पता लगाने में जुटी हैं, जो अभी तक नहीं मिले। आर्मी के स्निफर डॉग्स भी इस काम में लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि घायलों के लिए माणा और ज्योतिर्मठ के सेना अस्पतालों में बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई है। साथ ही, एम्स ऋषिकेश और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को भी अलर्ट पर रखा गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर हालात की जानकारी ली और हरसंभव मदद का भरोसा दिया। गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस बचाव अभियान पर नजर रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के सहयोग के लिए उनका आभार जताया। उन्होंने बताया कि भारी बर्फबारी और 6-7 फीट बर्फ के कारण कई गांवों से संपर्क टूट गया है। प्रशासन को इन गांवों में जरूरी सामान पहुंचाने और संचार व्यवस्था बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं। सेटेलाइट फोन और बिजली आपूर्ति जल्द शुरू करने पर भी जोर है।

हिमस्खलन की आशंका को देखते हुए औली और हर्षिल जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में फंसे सैलानियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने पर्यटकों से अगले तीन दिनों तक इन क्षेत्रों की यात्रा टालने की अपील की। हवाई सर्वेक्षण में अलकनंदा नदी के जमने की बात सामने आई, जिसकी जांच के लिए अधिकारियों को भेजा गया है।

वायुसेना के हेलीकॉप्टर, चीता हेलीकॉप्टर और एयर एंबुलेंस बचाव कार्य में दिन-रात लगे हैं। शनिवार दोपहर तक 29 लोगों को हेलीकॉप्टर से ज्योतिर्मठ लाया गया। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सभी टीमें पूरी ताकत से राहत कार्य में जुटी हैं।

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