Badrinath Yatra 2025: बदरीनाथ धाम में उमड़ी भक्तों की भीड़, 40 कुंतल गेंदे के फूलों से सजा मंदिर

Badrinath Yatra 2025: बदरीनाथ धाम में आज सुबह रवि पुष्य लग्न में मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए, जिसके साथ ही "जय बदरी विशाल" के जयकारों और हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा ने धाम को भक्ति में डुबो दिया। 40 कुंटल गेंदे के फूलों से सजे मंदिर में 10,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन किए।
Badrinath Yatra 2025: बदरीनाथ धाम में उमड़ी भक्तों की भीड़, 40 कुंतल गेंदे के फूलों से सजा मंदिर

Badrinath Yatra 2025: उत्तराखंड के पवित्र बदरीनाथ धाम में आज सुबह सूरज की पहली किरणों के साथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। रवि पुष्य लग्न में शुरू हुए इस पवित्र क्षण में चारों ओर "जय बदरी विशाल" के जयकारे गूंज उठे। हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा ने इस दृश्य को और भी अलौकिक बना दिया।

देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने छह माह से जल रही अखंड ज्योति के दर्शन किए और भगवान बदरीनाथ के चरणों में अपनी आस्था अर्पित की। इस साल बदरीनाथ धाम में 10,000 से अधिक तीर्थयात्री इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस शुभ अवसर पर बदरीनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए और विशेष पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। उनके साथ मौजूद स्थानीय लोग और तीर्थयात्री इस पल को और यादगार मान रहे हैं। मुख्यमंत्री ने धाम की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किए गए इंतजामों की सराहना की।

बदरीनाथ मंदिर को इस बार 40 कुंटल गेंदे के फूलों से भव्य रूप से सजाया गया। मंदिर का सिंहद्वार और आसपास का क्षेत्र रंग-बिरंगे फूलों से ऐसा सजा कि मानो प्रकृति स्वयं भगवान के स्वागत में उतर आई हो। देर शाम तक सजावट का काम चलता रहा, जिसने मंदिर की शोभा को और बढ़ा दिया। श्रद्धालुओं ने इस मनमोहक दृश्य को अपने कैमरों में कैद किया और इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बताया।

इस साल बदरीनाथ धाम की यात्रा को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने की दिशा में भी कदम उठाए गए हैं। चमोली जिला प्रशासन ने तीर्थयात्रा को पॉलीथिन मुक्त करने का संकल्प लिया है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने होटल और ढाबा संचालकों से पॉलीथिन के उपयोग को न्यूनतम करने की अपील की है।

इसके साथ ही, कर्णप्रयाग, गौचर, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, ज्योतिर्मठ, गोविंदघाट और पांडुकेश्वर जैसे पड़ावों पर स्वच्छता और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। होटल संचालकों को रेट लिस्ट प्रदर्शित करने और अग्निशमन यंत्र रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि तीर्थयात्रियों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।

बदरीनाथ धाम की यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है, बल्कि प्रकृति और पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश भी देती है। जैसे ही कपाट खुले, श्रद्धालुओं के चेहरों पर भक्ति और उत्साह की चमक साफ देखी जा सकती थी। यह पवित्र धाम हर साल लाखों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है, और इस साल भी यह अपनी भव्यता और पवित्रता के साथ सभी के दिलों को जीत रहा है।

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