Char Dham Yatra 2022 : अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन, और कम ऑक्सीजन की मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं श्रद्धालु, जांच करने के बाद ही चारधाम यात्रा करें शुरू

चारधाम यात्रा में समस्त तीर्थ स्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं। इनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मीटर से भी अधिक है। इन स्थानों पर तीर्थयात्री अत्यधिक ठंड, कम आद्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव और कम ऑक्सीजन की मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं।
Char Dham Yatra 2022 : अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन, और कम ऑक्सीजन की मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं श्रद्धालु, जांच करने के बाद ही चारधाम यात्रा करें शुरू 

देहरादून। उत्तराखंड के सरकार ने देश भर से चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को यात्रा आरंभ करने से पूर्व अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करने की सलाह दी है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि चार धाम आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुखद एवं सुरक्षित हो सके इसके लिए विभिन्न धामों की वहन क्षमता के अनुरूप रजिस्ट्रेशन की सीमा तय की गई है।

पता तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन की उपलब्धता की जांच करने के बाद ही यात्रा आरंभ करें। इसके साथ ही सभी यात्रियों को चार धाम यात्रा हेतु प्रस्थान के पूर्व हेल्थ एडवाइजरी का अध्ययन एवं अनुपालन करने की हिदायत दी गई है।

पर्यटन विभाग ने प्रदेश में तीर्थयात्रियों के रजिस्ट्रेशन की एक निश्चित सीमा निर्धारित की है। बिना रजिस्ट्रेशन कराये उत्तराखंड पहुंचने वाले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन उपलब्ध ना होने की दशा में ऋषिकेश से आगे जाने की इजाजत नहीं होगी।

विभाग ने यह भी कहा है कि तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन कराने के बाद नियत तारीख पर ही यात्रा आरंभ करने के लिए उत्तराखंड पहुंचे। साथ ही रहने के लिए होटल आदि की बुकिंग भी रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही करें।

सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर ने कहा है कि जिन तिथियों में निर्धारित सीमा तक रजिस्ट्रेशन हो चुका है उनके लिए कोशिश कर रहे तीर्थयात्रियों को अगली उपलब्ध तिथियों पर रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजीकरण करते समय श्रद्धालु उपलब्धता की जांच करने के बाद ही अपना टूर प्लान करें।

यात्रा के लिए पंजीकरण registrationandtouristcare.uk.gov.in पर कराया जा सकता है। ज्ञात हो कि स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन द्वारा बिना रजिस्ट्रेशन के पर्यटकों को चार धाम यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

विभाग का कहना है कि चारधाम की यात्रा पर आने से पूर्व तीर्थयात्रियों को अपने स्वास्थ्य की पूर्ण जांच करानी चाहिए ताकि उन्हें ऊंचे हिमालय क्षेत्र की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े।

चारधाम यात्रा में समस्त तीर्थ स्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं। इनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मीटर से भी अधिक है। इन स्थानों पर तीर्थयात्री अत्यधिक ठंड, कम आद्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव और कम ऑक्सीजन की मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं।

तीर्थयात्रियों की सुगम एवं सुरक्षित यात्रा हेतु स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य संबंधी एडवाइजरी जारी की गई है। यह उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) के फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब, लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया अकाउंट सहित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट uttarakhandtourism.gov.in पर भी उपलब्ध है। विभाग ने यात्रियों को यात्रा शुरु करने से पहले हेल्थ एडवाइजरी पढ़ने की सलाह दी है।

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