यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला: हाकम सिंह बीजेपी नेता, लेकिन इसमें पार्टी का कोई दोष नहीं : त्रिवेंद्र रावत

UKSSSC पेपर लीक मामले पर हो रही गिरफ्तारी पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोचिंग सेंटरों पर शिकंजा कसने की सरकार को सलाह दी है. दूसरी तरफ त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बयान देते हुए स्वीकार किया कि हाकम सिंह भाजपा कार्यकर्ता था. लेकिन कार्यकर्ता किसी गलत कार्य में संलिप्त होता है तो इसमें पार्टी का कोई दोष नहीं है.
यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला:  हाकम सिंह बीजेपी नेता, लेकिन इसमें पार्टी का कोई दोष नहीं : त्रिवेंद्र रावत

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में लगातार नया मोड़ आ रहा है। हर दिन एक नए आरोपी की गिरफ्तारी हो रही है। इस मामले में राजनीतिक गलियारों में भी खूब चर्चाएं हैं। दूसरी तरफ हाल ही में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आयोग को भंग कर देने की पैरवी की थी।

लेकिन शुक्रवार को जब उनसे इस बारे में दोबारा पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनका यह बयान बिल्कुल जायज था। लेकिन पुलिस की एसटीएफ टीम बेहतर काम कर रही है। अगर मामले में लगातार खुलासे हो रहे हैं तो जांच को होने देना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब देहरादून में चल रहे तमाम कोचिंग सेंटर पर भी नकेल कसने की जरूरत है।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जिस तरह से लगातार कोचिंग सेंटर की संदिग्ध भूमिका सामने आ रही है। ऐसे में कोचिंग सेंटरों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटर पर सख्ती से कार्रवाई करने की जरूरत है। कोचिंग सेंटरों पर लगातार निगरानी की जरूरत भी है।

वहीं, इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरीश रावत के सीबीआई जांच सीबीआई जांच वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि हमारी पुलिस की टीम बेहतर काम कर रही है। अगर इस मामले में अन्य राज्यों से जुड़े आरोपियों और अन्य राज्यों की संलिप्तता देखी जाती है तो सीबीआई जांच भी एक बेहतर विकल्प है।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक मामले में सामने आए भाजपा नेता हाकम सिंह के नाम को लेकर भी प्रतिक्रिया ली गई। जिस पर उन्होंने कहा कि इस बात को स्वीकार करने में उन्हें किसी भी तरह का गुरेज नहीं है कि हाकम सिंह उनका एक कार्यकर्ता था।

लेकिन उन्होंने कहा कि पार्टी का अगर एक कार्यकर्ता किसी गलत कार्य में संलिप्त होता है तो इसमें पार्टी का कोई दोष नहीं है। पार्टी ने अपनी तटस्थ भूमिका निभाते हुए उसे तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया था।

वहीं, पूर्व की भर्तियों में भी हुए जांच को लेकर लगातार त्रिवेंद्र रावत पर उठाए सवाल पर जवाब देते हुए त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि पूर्व में जब वह मुख्यमंत्री थे तो उस समय भी लगातार शिकायतें आती थी और उनके द्वारा हर बार कार्रवाई की जाती थी। लेकिन अब तथ्यों और सबूतों के साथ मामले का खुलासा हुआ है।

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