Uttarakhand : सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक, इन 15 फैसलों पर लगी मुहर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक हुई। प्रदेश के स्कूलों में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक छात्रों को स्वास्थ्य और स्वच्छता का पाठ पढ़ाए जाने सहित 15 महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। 
Uttarakhand : सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक, इन 15 फैसलों पर लगी मुहर

देहरादून। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को राज्य सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के वीरचंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विभिन्न विभागों के प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इस दौरान कैबिनेट बैठक में 15 फैसलों पर मुहर लगी।

आज लिए गये फैसलों में जसपुर तहसील से 80 गांव को काशीपुर तहसील में शामिल किया गया। परिवहन कर अधिकारी सेवा संवर्ग की नियमावली  को मंजूरी दे दी गयी। प्रदेश के स्कूलों में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक छात्रों को  स्वास्थ्य और स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाएगा। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य में जगह की कमी को देखते हुए अब एक मंजिला भवन की जगह बनाए जाएंगे दो मंजिला भवन बनाने की इजाजत होगी।

बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान में कंसलटेंसी एजेंसी को मानव संसाधन बढ़ाने के लिए   अनुमति दे दी गयी है। प्रदेश में 526 करोड़ की जाए का प्रोजेक्ट के लिए 70 पदों को भरने की स्वीकृति दी गयी है।  सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राजस्व विभाग में संग्रह अमीन के कर्मचारियों को पदोन्नति देने की मंजूरी हो गयी है।  

केंद्र सरकार की आवासीय भू संपदा क्रय करार को सरकार ने अडॉप्ट कर लिया है।  कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य विभाग में रखे गए 1662 संविदा कर्मचारियों को 6 माह का दिया सेवा विस्तार को मंजूरी मिल गयी। रेलवे लाइन के आसपास निर्माण कार्य के लिए केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई मैनुअल नीति को सरकार ने अपनाने का फैसला किया है। उत्तराखंड का राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार ने कंसलटेंसी रखने का  निर्णय लिया गया।

प्रदेश में आपदा राहत राशि बढ़ाई जाएगी इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान मुख्य सचिव ने एक सवाल के जवाब में यह जानकारी मीडिया के साथ साझा की है।

उन्होंने कहा कि  अभी तक प्रदेश में मृतक आश्रितों को एक लाख की सहायता राशि दी जाती है। जबकि आवाज क्षतिग्रस्त होने पर पर्वतीय क्षेत्रों में एक लाख एक हजार रुपये और मैदानी क्षेत्रों में 95 हजार रुपए दिए जाते हैं।

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