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आनंदा ने रचा इतिहास, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम - बनाया दुनिया का सबसे बड़ा पनीर स्लैब

आनंदा ने 205.4 किलो के पनीर स्लैब से गिनीज रिकॉर्ड बनाया। शुद्धता और गुणवत्ता का प्रतीक यह रिकॉर्ड डेयरी उद्योग में नया मानक स्थापित करता है।
आनंदा ने रचा इतिहास, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम - बनाया दुनिया का सबसे बड़ा पनीर स्लैब
हाइलाइट्स
आनंदा ने देहरादून में 205.4 किलोग्राम का दुनिया का सबसे बड़ा पनीर स्लैब बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया। शुद्ध दूध और कड़े स्वच्छता मानकों से तैयार यह पनीर आनंदा की उत्कृष्टता, नवाचार और उपभोक्ताओं के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो डेयरी उद्योग में एक नया कीर्तिमान स्थापित करता है।

देहरादून : भारत की मशहूर डेयरी कंपनी आनंदा ने एक बार फिर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। इस बार आनंदा ने 205.4 किलोग्राम का विशाल पनीर स्लैब बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपनी जगह पक्की कर ली है। यह उपलब्धि सिर्फ आकार में ही नहीं, बल्कि गुणवत्ता, स्वच्छता और शुद्धता के मामले में भी बेमिसाल है।

100% शुद्ध दूध से तैयार इस पनीर को सख्त स्वच्छता नियमों के साथ बनाया गया है, जो आनंदा के ग्राहकों के प्रति समर्पण और विश्वास का जीता-जागता सबूत है।

आनंदा डेयरी के चेयरमैन और संस्थापक डॉ. राधे श्याम दीक्षित ने गर्व से कहा, "हमारा सपना हमेशा डेयरी की दुनिया में नए कीर्तिमान गढ़ने का रहा है। यह रिकॉर्ड सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि शुद्धता और उत्कृष्टता के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का उत्सव है, जिसे हम दुनिया भर के लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।"

उन्होंने आगे बताया कि यह हर उस गृहिणी के लिए सुकून की बात है, जो अपने परिवार को बेहतरीन खाना परोसना चाहती है। दुकानदारों के लिए यह आनंदा के उत्पादों को चुनने की एक और मजबूत वजह है, क्योंकि लोग हमेशा भरोसेमंद और गुणवत्तापूर्ण ब्रांड की ओर खिंचे चले आते हैं।

डेयरी तकनीशियनों के लिए यह उपलब्धि आनंदा की नवाचार और उद्योग में नए मानक स्थापित करने की ताकत को दिखाती है। देहरादून के वितरक सुनील दीक्षित ने इसे समाज के लिए एक प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा, "यह रिकॉर्ड महज एक संख्या नहीं, बल्कि जरूरतमंदों तक पोषण पहुंचाने और शुद्धता को जीवन का हिस्सा बनाने का प्रतीक है।

आनंदा ने साबित कर दिया कि यह ब्रांड सिर्फ वादों तक सीमित नहीं, बल्कि एक भरोसे का नाम है।" यह उपलब्धि आनंदा की पनीर पायनियरिंग की शानदार यात्रा में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ती है।

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