Chardham Yatra 2025: इस बार यात्रियों के लिए क्या है नया? जानिए प्रशासन की खास तैयारी!

Chardham Yatra 2025: चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए उत्तराखंड प्रशासन तैयार। मुख्य सचिव ने मार्गों की मरम्मत, स्वास्थ्य जांच केंद्र, स्मृति वन और डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड की व्यवस्था के निर्देश दिए। स्वच्छता और आरएफआईडी टैग पर जोर। यात्रा होगी सुव्यवस्थित और श्रद्धालु होंगे संतुष्ट।
Chardham Yatra 2025: इस बार यात्रियों के लिए क्या है नया? जानिए प्रशासन की खास तैयारी!

Chardham Yatra 2025: उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा को सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित बनाने के लिए शासन-प्रशासन ने कमर कस ली है। हर साल लाखों श्रद्धालु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के दर्शन के लिए आते हैं। इस बार यात्रा को और बेहतर बनाने के लिए मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सभी विभागों को समयबद्ध तैयारियों का निर्देश दिया है। यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करेगा, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को भी मजबूत करेगा।

यात्रा मार्ग होंगे दुरुस्त

चारधाम यात्रा के मार्गों को लेकर मुख्य सचिव ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा शुरू होने से पहले सभी मार्गों की मरम्मत और रखरखाव पूरा कर लिया जाए। देहरादून से केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तक के रास्तों पर मूलभूत सुविधाओं का आकलन अभी से शुरू करने को कहा गया है। संकरे रास्तों, बिजली की समस्याओं और भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्य सचिव ने यूपीसीएल को धामों में लो-वोल्टेज की शिकायतों को तुरंत ठीक करने का आदेश दिया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।

स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष जोर

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए मुख्य सचिव ने कई अहम कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। केदारनाथ में निर्माणाधीन अस्पताल को यात्रा शुरू होने से पहले चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, हरिद्वार, ऋषिकेश और विकासनगर जैसे पंजीकरण स्थलों पर स्वास्थ्य जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी। यात्रा की शुरुआत में ही हेल्थ स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने से श्रद्धालुओं को बेहतर देखभाल मिल सकेगी। साथ ही, मल्टी-लेवल पार्किंग और उसके आसपास खाने-पीने व स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था पर भी जोर दिया गया है।

पर्यावरण और स्मृति वन की पहल

चारधाम यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की गई है। मुख्य सचिव ने यात्रा मार्गों पर ‘स्मृति वन’ बनाने का सुझाव दिया है, जहां श्रद्धालु पौधारोपण कर सकते हैं। यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि यात्रियों के लिए अपनी यात्रा को यादगार बनाने का मौका भी देगा। स्थानीय लोग और पर्यटक इस पहल को लेकर उत्साहित हैं।

डिजिटल तकनीक से जाम पर नजर

पहाड़ी रास्तों पर जाम और भूस्खलन की समस्या से निपटने के लिए मुख्य सचिव ने डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाने का प्रस्ताव रखा है। ये बोर्ड श्रद्धालुओं को जाम के कारणों और स्थिति की सटीक जानकारी देंगे। तब तक बल्क एसएमएस और व्हाट्सएप मैसेज के जरिए सूचनाएं साझा की जाएंगी। साथ ही, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों का तत्काल उपचार और दीर्घकालिक समाधान के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

स्वच्छता और सुविधाओं पर ध्यान

यात्रा मार्गों पर स्वच्छता को लेकर भी विशेष निर्देश दिए गए हैं। ‘सुलभ’ को नियमित सफाई और पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। दुकानदारों, घोड़ा-खच्चर संचालकों और अन्य सेवा प्रदाताओं के लिए आरएफआईडी टैग अनिवार्य किए जाएंगे। इससे यात्रा व्यवस्था को और पारदर्शी और व्यवस्थित बनाया जा सकेगा। टेंट और ठहरने की जगहों को भी सुव्यवस्थित करने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

यात्रा का महत्व

चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देती है। शासन-प्रशासन की ये तैयारियां सुनिश्चित करेंगी कि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपनी यात्रा पूरी कर सकें। हमारी प्रार्थना है कि इस साल की यात्रा हर किसी के लिए सुखद और सुरक्षित हो।

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