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Dehradun : ERP में करोड़ों की हेराफेरी! कुलपति पर गिरी गाज, रिकवरी के आदेश जारी

उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ. ओमकार सिंह पर करोड़ों का घोटाला! छात्रों का विरोध, शासन ने दिए रिकवरी के आदेश।
Dehradun : ERP में करोड़ों की हेराफेरी! कुलपति पर गिरी गाज, रिकवरी के आदेश जारी
हाइलाइट्स:
उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ. ओमकार सिंह पर करोड़ों के घोटाले का आरोप लगा है। छात्रों के विरोध और शासन की जांच के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए। नए कुलपति की नियुक्ति शुरू हो गई है, वहीं छात्रों ने बर्खास्तगी, रिकवरी और पारदर्शी मूल्यांकन की मांग की है।

देहरादून : वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार की परतें खुलती जा रही हैं। फर्जी डिग्री, वित्तीय अनियमितताओं और परीक्षा में गड़बड़ियों की शिकायतों के बीच कुलपति डॉ. ओमकार सिंह पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगा है।

डी.ए.वी. छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के नेतृत्व में छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंपकर सख्त कार्रवाई की मांग की थी। छात्रों के गंभीर आरोपों को सही पाते हुए सरकार ने तुरंत कदम उठाया और नए कुलपति की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर दिया।

शासन की जांच समिति ने पाया कि डॉ. ओमकार सिंह ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने गृह जनपद की एक ईआरपी कंपनी को करोड़ों रुपये दिलवाए। इस सांठगांठ की पुष्टि होते ही शासन ने तत्काल रिकवरी के आदेश दिए। लेकिन कुलपति अपनी कुर्सी बचाने के लिए राज्यपाल भवन के चक्कर लगा रहे हैं।

इस बार सरकार सख्त नजर आ रही है और कोई ढील देने के मूड में नहीं दिखती। छात्रों ने मांग की है कि डॉ. ओमकार सिंह और परीक्षा नियंत्रक डॉ. वी.के. पटेल को तुरंत बर्खास्त किया जाए, ताकि सबूतों से छेड़छाड़ न हो सके।

छात्र संगठनों ने घोटाले की रिकवरी के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है। साथ ही, वर्तमान ईआरपी को बंद कर केंद्र सरकार के मुफ्त समर्थ पोर्टल को लागू करने का सुझाव दिया। फेल छात्रों को डिग्री देने जैसे गंभीर मामले की निष्पक्ष जांच के लिए रिटायर्ड जज की अगुवाई में कमेटी बनाने की मांग भी उठी है।

इसके अलावा, ऑनलाइन मूल्यांकन में पारदर्शिता, शिक्षकों को बकाया भुगतान और छात्रों की शिकायतों के समाधान के लिए मुफ्त कैंप लगाने की बात कही गई। सिद्धार्थ अग्रवाल ने चेतावनी दी कि अगर मांगें पूरी न हुईं, तो बड़ा छात्र आंदोलन होगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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