उत्तरकाशी : 50 घंटे और मौत से जारी रहेगी टनल में फंसे मजदूरों की जंग, गुरुवार तक रेस्क्यू किए जाने की संभावना
उत्तरकाशी टलन में फंसे लोगों की जिंदगी और मौत के बीच जंग जारी है। रविवार सुबह से फंसे लोगों को टनल से सकुशल बाहर निकालने के लिए प्रशासन की ओर से हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। चिंता की बात है टनल के अंदर अभी लोगों की 50 घंटे और आफत में जान रहेगी।
उत्तरकाशी के सिलक्यारा में चारधाम सड़क परियोजना (ऑलवेदर रोड) की सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अभी 50 घंटे की जंग और बाकी है। यदि टनल के भीतर मलबे की स्थिति अनुकूल हुई तो यह समय कम भी हो सकता है। वहीं मंगलवार को रेस्क्यू के दौरान मलबा आने से दो मजदूर चोटिल हो गए।
मंगलवार को जल निगम के इंजीनियरों ने ऑगर मशीन को फिट करने के बाद करीब रात सवा नौ बजे मशीन से ड्रिलिंग शुरू कर दी थी, लेकिन मलबा आने की वजह से कुछ देर बाद ही उसे बंद करना पड़ा। टनल में कर्मचारी मलबा हटाने के बाद फिर से मशीन शुरू करने के प्रयास लगे थे।
रविवार सुबह साढ़े पांच बजे से टनल में फंसे मजदूरों में कुछ की तबीयत खराब होने की सूचना भी आ रही है। उल्टी की शिकायत पर उनके लिए दवा भेजी जा रही है। टनल में ह्यूम पाइप के जरिए रास्ता बनाने के ऑपरेशन के हेड जल निगम के एसई दीपक मलिक ने बताया कि टनल में पाइप बिछाने का काम जल्द से जल्द शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।
एक मीटर पाइप बिछाने में एक घंटे का समय लगता है। इस हिसाब से मशीन शुरू होने के बाद 50 घंटे का समय और लग सकता है। यदि भीतर मलबा ज्यादा न हुआ तो यह समय कुछ कम भी हो सकता है। इस तरह टनल में फंसे लोगों को गुरुवार तक रेस्क्यू किए जाने की संभावना है।
टनल में लगातार आ रहा है मलबा टनल के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में मलबा लगातार आ रहा है। इस वजह से भी टनल में मलबे की सफाई का काम प्रभावित हो रहा है। शाम को ऑगर मशीन शुरू करने से पहले जेसीबी के जरिए मलबा हटाने का प्रयास करते वक्त भी काफी मलबा आया।
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा के अनुसार ऊपर से गिरने वाले मलबे को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। वैसे उसकी सफाई में सफलता मिल रही है। जितना मलबा गिर रहा है, उससे अधिक की सफाई की जा रही है।