बैंकिंग स्टॉक्स में ज़बरदस्त उछाल! HDFC और फेडरल बैंक क्यों हैं निवेशकों की पहली पसंद?

भारतीय शेयर बाजार में बुधवार का दिन बैंकिंग शेयरों के लिए खास रहा। निफ्टी ने 23,400 के स्तर को पार किया, तो बैंक निफ्टी ने 53,000 का आंकड़ा छूकर निवेशकों का ध्यान खींचा। इस तेजी की अगुवाई इंडसइंड बैंक ने की, जिसके शेयरों में 7% की शानदार उछाल देखी गई। एक्सिस बैंक, पीएनबी, और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे दिग्गज बैंकों ने भी 5% तक की बढ़त हासिल की। लेकिन क्या यह तेजी लंबे समय तक कायम रह पाएगी, या यह बस एक अस्थायी उत्साह है? आइए, इसकी गहराई में उतरते हैं।
बैंकिंग शेयरों में तेजी, पर मूल्यांकन की चुनौती
पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में बैंकिंग शेयरों ने निवेशकों को आकर्षित किया है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि अधिकांश बैंक अभी भी अपने पिछले साल के मूल्यांकन से नीचे कारोबार कर रहे हैं। बाजार में सूचीबद्ध 31 बैंकों में से 28 के ट्रेलिंग प्राइस-बुक (पी/बी) गुणक पिछले साल की तुलना में कम हैं। उदाहरण के लिए, एचडीएफसी बैंक का पी/बी 2.8 है, जो पिछले साल 2.6 था, जबकि आईसीआईसीआई बैंक का पी/बी 3.3 है, जो पहले 3.1 था। फेडरल बैंक का पी/बी 1.4 पर स्थिर है। यह दर्शाता है कि तेजी के बावजूद, निवेशकों का भरोसा पूरी तरह बहाल नहीं हुआ है।
क्या हैं कमजोरी के कारण?
बैंकिंग सेक्टर को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऋण लेने की मांग में कमी, शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) पर दबाव, और असुरक्षित ऋणों पर नियामक प्रतिबंधों ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया है। कोटक सिक्योरिटीज की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, मार्च तिमाही में बैंकिंग सेक्टर का वित्तीय प्रदर्शन कमजोर रहने की संभावना है। धीमी ऋण वृद्धि, एनआईएम में कमी, और ऋण-हानि प्रावधानों में वृद्धि जैसे कारक बैंकों के लिए चुनौती बन सकते हैं। इन परिस्थितियों में, निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।
कुछ बैंकों ने दिखाया दम
सभी बैंक कमजोर नहीं हैं। एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, और फेडरल बैंक जैसे कुछ बैंकों ने दोहरे अंकों का रिटर्न दिया है। इसकी बदौलत बीएसई बैंकेक्स ने 2025 में अब तक 4% और पिछले साल के स्तर से 11% की बढ़त हासिल की है। लेकिन 31 में से 22 बैंकों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है, जिससे सेक्टर के सामने मूल्यांकन की चुनौती स्पष्ट होती है।
बैंकिंग शेयरों में हालिया तेजी ने निवेशकों में उत्साह जगाया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह उत्साह अल्पकालिक हो सकता है। मार्च तिमाही के कमजोर नतीजों की आशंका और नियामक चुनौतियों के बीच निवेशकों को सावधानी बरतनी होगी। हालांकि, कुछ मजबूत बैंकों में निवेश के अवसर अभी भी मौजूद हैं। बाजार पर नजर रखें और सूझबूझ से निवेश करें।