Love Story : 16 अप्रैल को होनी थी शादी, लेकिन दूल्हा तो सास संग भाग गया!

Love Story : अलीगढ़ में राहुल अपनी सास के साथ फरार, शादी से पहले लिखी अनोखी लव स्टोरी। बांका में गीता और दामाद सिकंदर की प्रेम कहानी ने जीता दिल, पंचायत ने कराई शादी। समाज की रूढ़ियों को तोड़ती ये वायरल कहानियां प्यार की नई परिभाषा गढ़ रही हैं।
Love Story : 16 अप्रैल को होनी थी शादी, लेकिन दूल्हा तो सास संग भाग गया!

Love Story : प्यार की राहें कभी सीधी नहीं होतीं, और जब बात दिल से दिल तक जाती है, तो समाज की रूढ़ियां भी पीछे छूट जाती हैं। आज हम आपको ऐसी ही दो अनोखी प्रेम कहानियों से रूबरू करवाएंगे, जो न केवल चर्चा का विषय बनीं, बल्कि लोगों के दिलों में भी उतर गईं। ये कहानियां हैं अलीगढ़ और बांका की, जहां सास और दामाद के बीच का रिश्ता प्रेम की नई परिभाषा गढ़ गया।

अलीगढ़ का चौंकाने वाला किस्सा

अलीगढ़ की गलियों में इन दिनों एक अनोखी प्रेम कहानी गूंज रही है। राहुल, एक युवक जिसकी शादी शिवानी नाम की लड़की से 16 अप्रैल को होने वाली थी, ने सबको हैरान कर दिया। शादी से महज नौ दिन पहले, राहुल अपनी होने वाली सास के साथ फरार हो गया। 6 अप्रैल को दोनों ने चुपके से शहर छोड़ दिया, और तब से उनकी कहानी हर जुबान पर है। लोग तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं, लेकिन सच्चाई अभी पर्दे में है। क्या यह प्यार था, या फिर कोई और मजबूरी? यह सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा है।

बांका की दिल छूने वाली दास्तान

पिछले साल बिहार के बांका जिले से भी ऐसी ही एक कहानी सामने आई थी, जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। गीता देवी और उनके दामाद सिकंदर यादव की प्रेम कहानी ने न केवल गांव वालों को चौंकाया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तहलका मचा दिया। गीता की बेटी की मृत्यु के बाद सिकंदर और गीता के बीच एक खास रिश्ता पनपने लगा। सिकंदर, जो दो बच्चों का पिता है, और गीता के बीच की नजदीकियां धीरे-धीरे प्यार में बदल गईं।

जब गीता के पति दिलेश्वर दार्वे को इस रिश्ते का पता चला, तो उन्होंने नाराज होने के बजाय एक अनोखा कदम उठाया। उन्होंने दोनों को रंगे हाथों पकड़ा, लेकिन गुस्से की जगह समझदारी दिखाई। दिलेश्वर ने इस प्रेम कहानी को गांव की पंचायत के सामने रखा, जहां सिकंदर ने अपने प्यार को खुलकर स्वीकार किया।

पंचायत ने लिखी नई इबारत

पंचायत में इस अनोखे रिश्ते को स्वीकार किया गया, और गांव वालों ने मिलकर गीता और सिकंदर की शादी का फैसला किया। एक वायरल वीडियो में सिकंदर को गीता की मांग में सिंदूर भरते देखा गया, और गांव वाले इस पल को खुशी-खुशी सेलिब्रेट करते नजर आए। दिलेश्वर ने न केवल इस शादी को अपनी सहमति दी, बल्कि दोनों की कोर्ट मैरिज भी करवाई। इस कहानी ने यह साबित कर दिया कि प्यार की कोई उम्र या बंधन नहीं होता।

समाज का नजरिया और हमारी सोच

ये दोनों कहानियां हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या प्यार को हमेशा समाज के बनाए नियमों में बांधा जा सकता है? अलीगढ़ की कहानी जहां अभी अधूरी सी लगती है, वहीं बांका की कहानी ने एक नया उदाहरण पेश किया है। दोनों ही मामलों में एक बात साफ है—प्यार वह ताकत है, जो रिश्तों की परिभाषा बदल सकती है।

आज के दौर में, जब सोशल मीडिया हर कहानी को पलभर में वायरल कर देता है, हमें यह समझना होगा कि हर कहानी के पीछे इंसानी जज्बात होते हैं। इन कहानियों को सिर्फ मजाक या गॉसिप का हिस्सा बनाने के बजाय, हमें इन्हें इंसानियत के नजरिए से देखना चाहिए। आखिर, प्यार का रास्ता चुनने वाले भी हमारे ही बीच के लोग हैं।

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