लोन नहीं भरने वालों की अब खैर नहीं, कर्जा वसूली को लेकर RBI अब होगा सख्त

अगर आपने भी बेंक से कर्ज ले रखा है और और वसूली वाले एजेंट के दिन-रात फोन से परेशना हैं तो ये खबर आपको जरूर पढ़ लेनी चाहिए। दरअसल बैंकों द्वारा कर्जा वसूली को लेकर आरबीआई ने सख्त नियम बनाए है। 
लोन नहीं भरने वालों की अब खैर नहीं, कर्जा वसूली को लेकर RBI अब होगा सख्त
न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, नई दिल्ली

क्या आपने भी कर्ज ले रखा है? और वसूली वाले एजेंट के दिन-रात फोन से परेशना हैं. रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से अब एक खास प्रस्ताव रखा गया है, जिसके बाद में एजेंट वसूली वाले आपको शाम को 7 बजे के बाद फोन नहीं कर पाएंगे. रिजर्व बैंक कर्ज की वसूली वाले मानकों को लेकर काफी सख्त हो गई है. 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बकाया कर्ज की वसूली के लिए मानकों को सख्त करने का बृहस्पतिवार को प्रस्ताव रखा. इसके तहत वित्तीय संस्थान और उनके वसूली एजेंट कर्जदारों को सुबह आठ बजे से पहले और शाम सात बजे के बाद फोन नहीं कर सकते हैं.

नियमों का किया जाना चाहिए पालन 

आरबीआई के 'जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता पर मसौदा निर्देश' में कहा गया है कि बैंकों और NBFC जैसी विनियमित संस्थाओं (RE) को मुख्य प्रबंधन कार्यों को आउटसोर्स नहीं करना चाहिए. इन कार्यों में नीति निर्माण और केवाईसी मानदंडों के अनुपालन का निर्धारण और लोन की मंजूरी भी शामिल हैं.

बनाए जाएगी आचार संहिता 

आरबीआई ने कहा कि आरई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आउटसोर्सिंग व्यवस्था से ग्राहकों के प्रति उनकी जिम्मेदारी कम न हो. RBI के मुताबिक, बैंकों एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को प्रत्यक्ष बिक्री एजेंटों (DSA), प्रत्यक्ष विपणन एजेंटों (DMA) और वसूली एजेंटों के लिए आचार संहिता बनानी चाहिए.

विनियमित इकाइयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डीएसए, डीएमए और वसूली एजेंट को उचित रूप से प्रशिक्षित किया जाए ताकि वे अपनी जिम्मेदारी संवेदनशीलता के साथ निभा सकें.वसूली एजेंट किसी

कर्जदार को नहीं दे सकते धमकी 

केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरई और उनके वसूली एजेंट कर्ज वसूलने के लिए किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मौखिक या शारीरिक रूप से किसी भी प्रकार की धमकी या उत्पीड़न का सहारा नहीं लेंगे.

एजेंट कर्जदारों को नहीं कर सकेंगे अपमानित 

इसके साथ ही वसूली एजेंट कर्जदारों को सार्वजनिक रूप से अपमानित नहीं कर सकते हैं और न ही उनकी गोपनीयता में हस्तक्षेप कर सकेंगे.

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