महंगाई के दौर में भी मजदूरों को राहत! दैनिक मजदूरी 400 रुपए पार होने की उम्मीद
Government News : केंद्र सरकार असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी का एक फ्लोर लेवल तय करने जा रही है । श्रम मंत्रालय ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है । सभी States को इस floor level के हिसाब से न्यूनतम मजदूरी देना अनिवार्य होगा।
फिलहाल State Center सरकार के न्यूनतम मजदूरी के Floor level को मानने के लिए बाध्य नहीं हैं, क्योंकि श्रम से जुड़े विषय संविधान की समवर्ती सूची में शामिल हैं । इसलिए केंद्र और State dono ही अपनी सुविधा के हिसाब से न्यूनतम मजदूरी तय करते हैं।
क्या Congress 400 रुपये का वादा पूरा करेगी? केंद्र सरकार के इस कदम से असंगठित क्षेत्र के करीब 50 cr श्रमिकों को फायदा हो सकता है । क्योंकि BJP और गैर भाजपा शासित दोनों ही राज्य केंद्र को विरोध नहीं करेंगे ।
Congress ने हाल ही में लोकसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र में न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये प्रतिदिन करने का वादा किया था । श्रम मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक केंद्र इस मामले में कानून लाने जा रहा है, ताकि कोई भी राज्य किसी भी श्रमिक को केंद्र द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी न दे सके ।
राज्य केंद्र द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी से अधिक मजदूरी देने के लिए स्वतंत्र होंगे, लेकिन उससे कम नहीं दे सकेंगे । इससे पहले वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने न्यूनतम मजदूरी का फ्लोर लेवल अपडेट किया था जो कि 176 रुपये प्रतिदिन ही है ।
इस बार श्रम मंत्रालय न्यूनतम मजदूरी की जगह न्यूनतम जीवनयापन लागत तय करने की तैयारी कर रहा है । इस काम में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की भी मदद ली जा रही है । श्रमिकों को काम के नाम पर शोषण से बचाने के लिए न्यूनतम मजदूरी तय की जाती है, जबकि जीवनयापन लागत में भोजन, कपड़ा, आश्रय जैसी बुनियादी जरूरतों के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी जरूरतें भी शामिल होती हैं । राज्य कुशल और गैर- कुशल दोनों तरह के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी को अपडेट करते रहते हैं।
राज्यों में गैर- कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी वर्तमान में औसतन 7000- 12,000 रुपये प्रति माह है । दिल्ली में गैर- कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी 17,200 रुपये प्रति माह है।