APL Ration Card धारकों के लिए जबरदस्त तोहफा! सरकार देने जा रही है हर महीने ये नई सुविधा

हिमाचल प्रदेश में सस्ते राशन की आपूर्ति को लेकर एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। जहां केंद्र सरकार ने मई 2025 के लिए APL (Above Poverty Line) परिवारों को सस्ता राशन आवंटित कर राहत दी है, वहीं डिपो संचालकों ने 1 मई से राशन वितरण बंद करने का अल्टीमेटम दे दिया है। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि इसका हिमाचल के लाखों परिवारों पर क्या असर पड़ेगा।
केंद्र ने दी राहत, मई में राशन आवंटन तय
केंद्र सरकार ने मई 2025 के लिए हिमाचल प्रदेश को 20,265 मीट्रिक टन राशन आवंटित किया है, जिसमें 14,144 मीट्रिक टन गेहूं और 6,121 मीट्रिक टन चावल शामिल हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने इस आवंटन के आधार पर APL परिवारों के लिए राशन का कोटा तय कर दिया है।
गैर-जनजातीय क्षेत्रों में प्रति राशन कार्ड 14 किलो आटा और 6 किलो चावल मिलेगा, जबकि जनजातीय क्षेत्रों में यह कोटा 20 किलो आटा और 15 किलो चावल प्रति कार्ड रहेगा। राहत की बात यह है कि अगस्त 2023 से APL परिवारों के राशन कोटे में कोई कटौती नहीं हुई है। हालांकि, अप्रैल 2025 की तुलना में मई के लिए 57 मीट्रिक टन कम राशन आवंटित हुआ है, लेकिन इसका राशन कोटे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
हिमाचल में APL परिवारों की स्थिति
हिमाचल प्रदेश में कुल 12.24 लाख APL राशन कार्ड धारक हैं, जिनकी जनसंख्या 44.19 लाख है। इनमें 72,445 करदाता और 11.52 लाख गैर-करदाता परिवार शामिल हैं। गैर-करदाता APL परिवारों की जनसंख्या 41.26 लाख है, जबकि करदाता परिवारों की जनसंख्या 2.92 लाख है। इन सभी परिवारों को मई में तय कोटे के अनुसार राशन उपलब्ध कराया जाएगा। विभाग ने इस राशन को थोक गोदामों तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि डिपो के माध्यम से वितरण सुचारू रहे।
डिपो संचालकों का गुस्सा: क्यों उठाया अल्टीमेटम?
हिमाचल में सस्ते राशन की आपूर्ति का जिम्मा संभालने वाले डिपो संचालक सरकार से नाराज हैं। उन्होंने 1 मई से राशन वितरण बंद करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने डिपो संचालकों को 20,000 रुपये मासिक वेतन और डिपो में इंटरनेट कनेक्टिविटी बहाल करने का वादा किया था।
लेकिन दो साल बाद भी ये वादे पूरे नहीं हुए। डिपो में लगी POS मशीनों के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी ने राशन वितरण को मुश्किल बना दिया है। संचालकों का कहना है कि अगर 30 अप्रैल तक यह समस्या हल नहीं हुई, तो वे राशन वितरण पूरी तरह रोक देंगे। इससे लाखों उपभोक्ताओं को परेशानी हो सकती है, जिसकी जिम्मेदारी संचालकों ने सरकार पर डाल दी है।
उपभोक्ताओं के लिए क्या है चुनौती?
हिमाचल के लाखों APL परिवार सस्ते राशन पर निर्भर हैं। अगर डिपो संचालक अपने फैसले पर अडिग रहे, तो मई से राशन वितरण ठप हो सकता है। यह स्थिति न केवल उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बनेगी, बल्कि सरकार की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को तुरंत डिपो संचालकों की मांगों पर ध्यान देना चाहिए, ताकि राशन आपूर्ति की यह महत्वपूर्ण व्यवस्था बाधित न हो।