UP News : पत्नी की गुमशुदगी निकली सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री, 42 दिन बाद हुआ चौंका देने वाला खुलासा

Kushinagar News: कुशीनगर में दहेज के लिए गीता की हत्या कर पति विशाल ने शव को नदी किनारे दफनाया। 42 दिन तक पुलिस को गुमराह करने के बाद सख्त पूछताछ में सच उगला। पुलिस ने शव बरामद कर विशाल को गिरफ्तार किया। दहेज कुप्रथा ने एक और बेटी की जान ली।
UP News : पत्नी की गुमशुदगी निकली सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री, 42 दिन बाद हुआ चौंका देने वाला खुलासा

UP News : उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में एक दिल दहलाने वाली घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया। एक पति, जिसे पत्नी का रक्षक माना जाता है, वही अपनी पत्नी का हत्यारा बन गया। दहेज की लालच में अंधा हुआ विशाल कुशवाहा ने अपनी पत्नी गीता की निर्मम हत्या कर दी और शव को नदी किनारे दफनाकर 42 दिनों तक पुलिस को गुमराह करता रहा। लेकिन सच को ज्यादा देर तक छिपाया नहीं जा सकता।

आखिरकार, पुलिस की सख्ती और परिजनों की जिद के सामने विशाल टूट गया और उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

दहेज की आग में जलती गीता की जिंदगी

गोरखपुर के देउरवीर गांव की गीता की शादी 18 फरवरी 2022 को कुशीनगर के बलुआ गांव के विशाल कुशवाहा के साथ बड़े धूमधाम से हुई थी। शुरुआती दिन खुशहाल थे, लेकिन जल्द ही दहेज का दानव गीता की जिंदगी में साये की तरह मंडराने लगा। विशाल और उसके परिवार ने गीता को दहेज के लिए ताने मारने शुरू किए।

गीता ने अपने पिता राम अवध मौर्य और भाई को इसकी शिकायत की, लेकिन परिवार ने इसे सामान्य पारिवारिक झगड़ा समझकर नजरअंदाज कर दिया। गीता ने तीन साल तक यह ताने और प्रताड़ना सहन की, लेकिन उसकी सहनशक्ति का अंत 5 मार्च 2025 को हुआ, जब विशाल ने उसकी हत्या कर दी।

शातिर हत्यारे का खेल

हत्या के बाद विशाल ने अपनी चालाकी का परिचय दिया। उसने गीता के शव को रामकोला थाना क्षेत्र की सेमरा नदी के किनारे तीन फीट गहरे गड्ढे में दफना दिया। शव को जल्दी गलाने के लिए उसने उस पर ढेर सारा नमक डाला और बोरी में बंद कर दिया। इतना ही नहीं, उसने खुद अहिरौली थाने पहुंचकर गीता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई ताकि किसी को शक न हो। गीता के भाई रविशंकर को भी उसने गुमशुदगी की सूचना दी। विशाल की यह चाल इतनी शातिर थी कि पुलिस भी शुरू में भटक गई।

परिजनों की जिद और पुलिस की मेहनत

गीता के मायके वालों को शुरू से ही विशाल और उसके परिवार पर शक था। उन्होंने पुलिस को बताया कि गीता कहीं गायब नहीं हुई, बल्कि दहेज के लिए उसकी हत्या की गई है। परिजनों की जिद और पुलिस की गहन छानबीन ने आखिरकार इस मामले को सुलझा दिया। पुलिस को एक अहम सुराग मिला, जिसके बाद विशाल से सख्ती से पूछताछ की गई। दबाव में विशाल टूट गया और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसकी निशानदेही पर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में गीता का शव गड्ढे से निकाला गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और विशाल को हिरासत में ले लिया गया।

पुलिस की सक्रियता और न्याय की उम्मीद

सीओ कुंदन सिंह ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में गहनता से जांच की और 42 दिन बाद गीता के शव को बरामद किया। उन्होंने कहा कि दहेज की लालच ने एक और बेटी की जिंदगी छीन ली। पुलिस अब इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है और विशाल के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे। गीता के परिजनों को अब इंसाफ की उम्मीद है, लेकिन उनकी बेटी की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता।

यह घटना एक बार फिर समाज के सामने दहेज जैसी कुप्रथा को उजागर करती है। आखिर कब तक बेटियां इस लालच की बलि चढ़ती रहेंगी? गीता की कहानी हर उस परिवार के लिए सबक है, जो दहेज की मांग को नजरअंदाज करता है। समाज को जागना होगा और इस कुप्रथा के खिलाफ एकजुट होना होगा।

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