Health Tips : हैवी ब्लीडिंग और क्लॉट्स से हैं परेशान, तो तुरंत करें ये आसान उपाय

Health Tips : मासिक धर्म हर महिला के शरीर में होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो हार्मोनल बदलावों के कारण होती है। इस दौरान कई बार महिलाओं को भारी रक्तस्राव (हैवी ब्लीडिंग) के साथ खून के थक्के (ब्लड क्लॉट्स) निकलने की समस्या होती है।
यह स्थिति कई कारणों से हो सकती है, जिनमें हार्मोनल असंतुलन, पोषण की कमी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं। अगर आपको भी पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लड क्लॉट्स निकलने की समस्या हो रही है, तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।
ब्लड क्लॉट्स बनने की वजह क्या है?
पीरियड्स के दौरान खून के साथ निकलने वाले छोटे-छोटे थक्के असल में टिश्यू होते हैं, जो गर्भाशय की परत के टूटने के कारण निकलते हैं। यह सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन जब ये क्लॉट्स अधिक मात्रा में या बड़े आकार में बनने लगते हैं, तो यह किसी अंदरूनी समस्या की ओर इशारा कर सकता है।
कुछ प्रमुख कारण जो ब्लड क्लॉट्स को बढ़ा सकते हैं:
एस्ट्रोजन का असंतुलन – शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता से खून गाढ़ा हो सकता है, जिससे क्लॉट्स बनने की संभावना बढ़ जाती है।
थायराइड की समस्या – हाइपोथायरायडिज्म जैसी स्थितियां हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकती हैं, जिससे मासिक धर्म प्रभावित हो सकता है।
पीसीओएस (PCOS) और फाइब्रॉएड – अंडाशय की समस्या और गर्भाशय में गांठें भी भारी रक्तस्राव और ब्लड क्लॉट्स का कारण बन सकती हैं।
आयरन और विटामिन-B12 की कमी – शरीर में पोषक तत्वों की कमी से रक्त सही तरीके से प्रवाहित नहीं हो पाता, जिससे थक्के बन सकते हैं।
तनाव और लाइफस्टाइल फैक्टर – ज्यादा स्ट्रेस, गलत खानपान और प्रदूषण के संपर्क में रहना भी हार्मोनल असंतुलन की वजह बन सकता है।
कैसे कम करें पीरियड्स में ब्लड क्लॉट्स?
अगर आपको बार-बार भारी रक्तस्राव और ब्लड क्लॉट्स की समस्या हो रही है, तो अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव लाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करें
प्लास्टिक में मौजूद केमिकल्स शरीर के हार्मोन सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए प्लास्टिक की बोतलों और पैक्ड फूड का कम से कम उपयोग करें।
चुरल स्किनकेयर प्रोडक्ट्स अपनाएं
कई कॉस्मेटिक उत्पादों में ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं। अगर आप नियमित रूप से मेकअप या स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं, तो प्राकृतिक और हर्बल प्रोडक्ट्स को प्राथमिकता दें।
हर्बल चाय का सेवन करें
पुदीना, अदरक और ग्रीन टी जैसे प्राकृतिक हर्बल ड्रिंक्स शरीर के हार्मोन बैलेंस करने में मदद कर सकते हैं। खासतौर पर पुदीने की चाय एस्ट्रोजन के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होती है।
तनाव कम करें
मानसिक तनाव सीधे हार्मोनल संतुलन को प्रभावित करता है। ध्यान (मेडिटेशन), योग और हल्की एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, ताकि तनाव कम हो और मासिक धर्म की समस्या नियंत्रण में रहे।
सही डाइट अपनाएं
आयरन और विटामिन-B12 युक्त आहार, जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, नट्स और सीड्स को अपने खाने में शामिल करें। इससे खून पतला बना रहेगा और थक्के बनने की संभावना कम होगी।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
अगर आपके पीरियड्स के दौरान बहुत बड़े आकार के ब्लड क्लॉट्स निकल रहे हैं।
7 दिनों से अधिक ब्लीडिंग हो रही है। हर घंटे पैड या टैम्पोन बदलना पड़ रहा है।
कमजोरी, चक्कर आना या थकान महसूस हो रही है।
निष्कर्ष
पीरियड्स के दौरान ब्लड क्लॉट्स का बनना एक सामान्य प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन जब यह समस्या बढ़ने लगे तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
अपने खानपान, लाइफस्टाइल और तनाव प्रबंधन पर ध्यान देकर इसे काफी हद तक रोका जा सकता है। अगर समस्या गंभीर हो रही है, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें।