Health Tips : नींद की कमी बना सकती है आपको बीमार, जानें कितनी नींद है जरूरी

Health Tips : नींद हमारे लिए उतनी ही जरूरी है जितना खाना या सैर करना। यह हमारे शरीर को तंदुरुस्त रखती है और दिमाग को तरोताजा बनाए रखती है। अच्छी नींद लेने से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, सोचने की ताकत बढ़ती है और दिनभर की थकान दूर होती है।
हर उम्र के इंसान को अपनी जरूरत के हिसाब से नींद लेनी चाहिए, वरना थकान, चिड़चिड़ापन और कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस लेख में हम बात करेंगे कि अलग-अलग उम्र में कितनी नींद लेना सही रहता है और इसे बेहतर कैसे बनाया जा सकता है।
नवजात शिशुओं के लिए नींद का महत्व
जो बच्चे अभी पैदा हुए हैं, यानी 0 से 3 महीने के, उन्हें दिनभर में 14 से 17 घंटे सोना चाहिए। इस नन्ही उम्र में उनका शरीर और दिमाग तेजी से बढ़ता है, जिसके लिए ढेर सारी नींद जरूरी होती है। उनकी नींद का कोई तय समय नहीं होता—कभी कम, कभी ज्यादा—लेकिन यह उनके विकास का आधार बनती है।
शिशुओं में नींद का जादू
4 से 11 महीने के बच्चों को हर दिन 12 से 15 घंटे की नींद चाहिए। इस दौरान अच्छी नींद उनकी याददाश्त को तेज करती है और हाथ-पैर चलाने की कला को बेहतर बनाती है। मां-बाप के लिए यह जरूरी है कि इस उम्र में बच्चे को सोने का एक रूटीन सिखाया जाए, ताकि उनकी नींद का ढंग बन सके।
छोटे बच्चों का नींद से नाता
1 से 2 साल के नन्हे बच्चों को 11 से 14 घंटे की नींद की जरूरत होती है। इस उम्र में उनका दिमाग नई-नई चीजें सीख रहा होता है। पूरी नींद लेने से उनका मिजाज अच्छा रहता है और वह दिनभर चहकते रहते हैं। नींद की कमी उन्हें सुस्त बना सकती है।
प्री-स्कूल बच्चों के लिए नींद की सैर
3 से 5 साल के बच्चों को 10 से 13 घंटे सोना चाहिए। इस पड़ाव पर नींद उनकी बोलचाल, दोस्ती करने की काबिलियत और भावनाओं को संभालने में मदद करती है। अगर नींद पूरी न हो तो बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं और उनकी सीखने की ताकत कमजोर पड़ सकती है।
स्कूल जाने वाले बच्चों और नींद
6 से 13 साल के बच्चों के लिए 9 से 11 घंटे की नींद बहुत जरूरी है। इस उम्र में पढ़ाई और ध्यान लगाने की क्षमता पर नींद का गहरा असर पड़ता है। कम सोने से उनका मूड खराब हो सकता है और थकान जल्दी हावी हो सकती है, जिससे स्कूल का काम प्रभावित होता है।
किशोरों के लिए नींद का तोहफा
14 से 17 साल के किशोरों को हर दिन 8 से 10 घंटे की नींद लेनी चाहिए। इस उम्र में शरीर और दिमाग में बड़े बदलाव आते हैं। अच्छी नींद से उनका दिमाग तेज चलता है, याददाश्त मजबूत होती है और तनाव कम रहता है। नींद की कमी उनके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है।
युवाओं में नींद की अहमियत
18 से 59 साल की उम्र में लोगों को 7 से 9 घंटे सोना चाहिए। इस दौरान जिंदगी की भागदौड़ में नींद अक्सर पीछे छूट जाती है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना सेहत के लिए ठीक नहीं। अच्छी नींद दिल को तंदुरुस्त रखती है, डायबिटीज से बचाती है और बीमारियों से लड़ने की ताकत देती है।
बुजुर्गों के लिए नींद का सहारा
60 साल से ज्यादा उम्र वालों को 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। बढ़ती उम्र के साथ नींद हल्की हो सकती है, लेकिन पूरी नींद लेने से दिमाग चुस्त रहता है, इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और याददाश्त बरकरार रहती है। यह शरीर को स्वस्थ रखने का आसान तरीका है।
अच्छी नींद के लिए आसान नुस्खे
अच्छी नींद पाने के लिए रोज एक ही समय पर सोएं और जागें। सोने से पहले मोबाइल, टीवी या लैपटॉप से दूर रहें, क्योंकि इनकी नीली रोशनी नींद को भगा सकती है। रात को भारी खाना, चाय-कॉफी या शराब से बचें। सोने की जगह को शांत और सुकून भरा बनाएं। रोज थोड़ी कसरत करें और सोने से पहले ध्यान या गहरी सांस लेने की आदत डालें। ये छोटे कदम आपकी नींद को गहरी और मीठी बना सकते हैं।