Health Tips : गलत तरीके से सोने से बढ़ सकती हैं बीमारियां, जानें किस करवट सोना सेहत के लिए है अच्छा

Health Tips : दिनभर की भागदौड़, काम का तनाव और शारीरिक मेहनत के बाद थकान हर किसी को महसूस होती है। ऐसे में रात को अपने नरम-नरम बिस्तर पर लेटते ही मन को एक अलग सुकून मिलता है। कई लोग मानते हैं कि थकान के बाद नींद बहुत गहरी और मीठी आती है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि सोने की गलत आदत आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है? जी हां, आपकी स्लीपिंग पॉजिशन का असर आपके शरीर पर पड़ता है। तो आइए जानते हैं कि किस तरफ सोने से क्या फायदा या नुकसान हो सकता है।
करवट लेकर सोने का असर
करवट लेकर सोना कई लोगों की पसंदीदा आदत होती है, और यह सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है। जब आप करवट लेते हैं, तो आपका वायुमार्ग खुला रहता है। इससे खर्राटों की समस्या कम होती है और हल्का स्लीप एपनिया भी ठीक हो सकता है।
खास तौर पर बायीं करवट सोने से पेट में फंसी हवा बाहर निकलती है, जिससे एसिड रिफ्लक्स और हार्टबर्न की शिकायत में राहत मिलती है। साथ ही, यह तरीका गर्दन और पीठ के दर्द को कम करने में भी मदद करता है।
गर्भवती महिलाओं को अक्सर बायीं करवट सोने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे आंतरिक अंगों पर दबाव कम पड़ता है और खून का बहाव बेहतर होता है।
पीठ के बल सोने के फायदे और नुकसान
अगर आपको पीठ के बल सोना पसंद है, तो यह आपकी रीढ़ की हड्डी को उसका नेचुरल शेप बनाए रखने में मदद कर सकता है। इससे गर्दन और पीठ का दर्द कम होने की संभावना रहती है।
खासकर उन लोगों के लिए यह फायदेमंद है, जिन्हें पीठ दर्द या रीढ़ से जुड़ी परेशानी रहती है, क्योंकि इस पॉजिशन में जोड़ों पर कम दबाव पड़ता है।
लेकिन हर चीज के दो पहलू होते हैं। पीठ के बल सोने से खर्राटे और स्लीप एपनिया की समस्या बढ़ सकती है, क्योंकि वायुमार्ग बंद होने का खतरा रहता है। साथ ही, हार्टबर्न या एसिड रिफ्लक्स की शिकायत भी बिगड़ सकती है।
पेट के बल सोने की आदत
कुछ लोगों को पेट के बल सोना आरामदायक लगता है, लेकिन यह तरीका सेहत के लिए बहुत अच्छा नहीं माना जाता। जब आप पेट के बल लेटते हैं, तो रीढ़, गर्दन और पीठ पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
इससे सुबह उठते ही दर्द या अकड़न महसूस हो सकती है। इस पॉजिशन में सोने से गर्दन अक्सर मुड़ जाती है, जिससे गर्दन में दर्द की शिकायत हो सकती है।
इतना ही नहीं, पेट के बल सोने से सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है, खासकर उन लोगों को जो पहले से सांस की समस्या से जूझ रहे हों।