1984 Sikh Riots: पूर्व सांसद सज्जन कुमार दोषी करार, 18 फरवरी को सजा का ऐलान

1984 Sikh Riots : दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगों में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दोषी ठहराया। 18 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी। 41 साल बाद आए इस फैसले से न्याय की उम्मीद जगी।
1984 सिख दंगा केस: पूर्व सांसद सज्जन कुमार दोषी करार, 18 फरवरी को सजा का ऐलान
1984 सिख दंगों के दौरान दो सिखों की हत्या के मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दोषी करार दिया है। अदालत 18 फरवरी को सजा का ऐलान करेगी। यह फैसला 41 साल बाद आया है, जिससे पीड़ित परिवारों को न्याय की उम्मीद बंधी है।

नई दिल्ली : 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दोषी करार दिया है। यह मामला सरस्वती विहार क्षेत्र में दो सिखों की हत्या से जुड़ा है। कोर्ट 18 फरवरी को सजा सुनाएगी। 41 साल बाद आए इस फैसले ने एक बार फिर 1984 सिख विरोधी दंगों को लेकर चर्चा छेड़ दी है।

क्या है मामला?

यह घटना 1 नवंबर 1984 की है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। पश्चिमी दिल्ली के राज नगर पार्ट-1 में सरदार जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी। शाम करीब 4:30 बजे एक उग्र भीड़ ने उनके घर पर हमला किया था। आरोप है कि इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे और उन्होंने पीड़ितों के परिवार से मारपीट भी की थी।

कौन-कौन से आरोप हैं?

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सरस्वती विहार थाने में केस दर्ज किया था। सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147, 149, 148, 302, 308, 323, 395, 397, 427, 436, 440 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

पहले दो बार टल चुका है फैसला

इससे पहले, 31 जनवरी 2025 और 8 जनवरी 2025 को सुनवाई के दौरान अदालत ने फैसला टाल दिया था। दोनों बार विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की कोर्ट में तिहाड़ जेल में बंद सज्जन कुमार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश किया गया था। दिसंबर 2021 में सज्जन कुमार ने खुद को निर्दोष बताते हुए ट्रायल का सामना करने की बात कही थी। लेकिन ट्रायल में उन्हें दोषी पाया गया।

पहले भी एक केस में हुए बरी

2010 में कड़कड़डूमा कोर्ट ने सज्जन कुमार और अन्य आरोपियों के खिलाफ तीन लोगों की हत्या के आरोप तय किए थे। इस मामले में 2023 में अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था। लेकिन 1984 सिख दंगों से जुड़े अन्य मामलों में उन पर कानूनी शिकंजा कसा रहा।

1984 सिख दंगे: प्रमुख घटनाक्रम

  • 1984 सिख विरोधी दंगे भारत के इतिहास का एक काला अध्याय रहे हैं।
  • 31 अक्टूबर 1984: तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई।
  • 1 नवंबर 1984: दिल्ली समेत देशभर में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे।
  • दिल्ली में लगभग 2700 लोगों की मौत हुई, जबकि पूरे देश में यह संख्या 3500 के करीब पहुंच गई।
  • 2000 में दंगों की जांच के लिए नानावटी आयोग का गठन किया गया।
  • 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।

1984 सिख दंगा मामले में दिल्ली की अदालत का यह फैसला पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की उम्मीद जगाता है। सज्जन कुमार पहले से ही सिख विरोधी दंगों के एक अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। अब 18 फरवरी को यह तय होगा कि उन्हें इस नए मामले में कितनी सजा दी जाएगी।

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