27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी की सरकार, अब सीएम पद की रेस में कौन आगे?

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 27 साल बाद शानदार जीत दर्ज कर सत्ता में वापसी कर ली है। आम आदमी पार्टी (AAP) को इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा, और बीजेपी ने अपनी ताकत का अहसास करा दिया। हालांकि, अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि राजधानी का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?
पूरे चुनाव में बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर प्रचार किया, लेकिन अब जब पार्टी सत्ता में आ गई है, तो मुख्यमंत्री पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष विरेंद्र सचदेवा ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा। दिलचस्प बात यह है कि इस रेस में एक सिख नेता का नाम भी शामिल है, जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी पंजाब की राजनीति को भी साधने की कोशिश कर सकती है।
मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे कौन?
1. मनजिंदर सिंह सिरसा – सिख समुदाय का मजबूत चेहरा
दिल्ली में बीजेपी के अहम सिख चेहरे के रूप में मनजिंदर सिंह सिरसा का नाम सबसे आगे है। वे राजौरी गार्डन से विधायक चुने गए हैं और पहले भी दो बार इस सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं। सिरसा पहले अकाली दल के साथ थे और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए। उनकी गिनती पार्टी के बड़े सिख नेताओं में होती है, और वे दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अगर बीजेपी उन्हें सीएम बनाती है, तो यह सिख समुदाय को साधने की एक बड़ी रणनीति हो सकती है।
2. कैलाश गहलोत – AAP छोड़ बीजेपी में आए, बड़े आरोप लगाए
दिल्ली की राजनीति में एक और बड़ा नाम कैलाश गहलोत का है, जो चुनाव से कुछ महीने पहले आम आदमी पार्टी (AAP) छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्होंने AAP और केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए बीजेपी का दामन थामा। बिजवासन सीट से जीत हासिल करने वाले गहलोत, प्रशासनिक अनुभव और मजबूत राजनीतिक समझ के चलते सीएम पद की दौड़ में शामिल हैं।
3. विजेंद्र गुप्ता – अनुभवी नेता, लगातार जीत की कहानी
विजेंद्र गुप्ता दिल्ली की राजनीति का एक मजबूत चेहरा हैं। वे रोहिणी सीट से लगातार जीत दर्ज करते आ रहे हैं, यहां तक कि 2015 और 2020 में जब आम आदमी पार्टी (AAP) की लहर थी, तब भी उन्होंने अपनी सीट बचाए रखी। बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके विजेंद्र गुप्ता, पार्टी संगठन में भी मजबूत पकड़ रखते हैं। वे एक वैश्य समुदाय के नेता हैं, जिससे बीजेपी को व्यापारिक वर्ग का समर्थन भी मिल सकता है।
4. प्रवेश वर्मा – "जायंट किलर" की छवि, केजरीवाल को हराया
अगर दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री किसी चर्चित चेहरे को बनाया जाता है, तो प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे हो सकता है। उन्होंने नई दिल्ली सीट पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मात देकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। प्रवेश वर्मा को "जायंट किलर" का तमगा मिल चुका है। वे पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं और जाट समुदाय से आते हैं, जिससे वे जातीय समीकरण में भी फिट बैठते हैं।
महिला मुख्यमंत्री का विकल्प भी खुला!
अगर बीजेपी हाईकमान किसी महिला को मुख्यमंत्री बनाने की रणनीति अपनाता है, तो दो बड़े नाम सामने आ सकते हैं—रेखा गुप्ता और शिखा राय।
रेखा गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष रह चुकी हैं और शालीमार बाग से विधायक बनी हैं। वहीं, शिखा राय ग्रेटर कैलाश से चुनाव जीतकर आई हैं। दोनों नेता अनुभवी हैं, लेकिन पहली बार विधानसभा में पहुंची हैं, इसलिए उनके नाम पर अंतिम मुहर लगना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का फैसला – मोदी-शाह की पसंद होगी अंतिम!
बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का काम करने का तरीका कुछ अलग ही है। कई बार जिन नामों की चर्चा सबसे ज्यादा होती है, वे रेस से बाहर हो जाते हैं, और कोई नया चेहरा मुख्यमंत्री बन जाता है। हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ऐसा पहले भी देखा जा चुका है। ऐसे में दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री का नाम तभी साफ होगा, जब बीजेपी आलाकमान इस पर अंतिम फैसला करेगा।