Waqf Amendment Bill : वोटिंग के बाद उबरी असल कहानी! बीजेडी नेताओं ने क्यों किया वक्फ बिल का समर्थन?

Waqf Amendment Bill : बीजू जनता दल के वरिष्ठ नेता रणेन्द्र प्रताप स्वैन ने नवीन पटनायक को पत्र लिखकर वक्फ संशोधन विधेयक पर सांसदों के वोटिंग से उपजे विवाद पर चिंता जताई। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय पर बीजेडी की प्रतिबद्धता को मजबूत करने की अपील की, ताकि ओडिशा की जनता का भरोसा कायम रहे।
Waqf Amendment Bill : वोटिंग के बाद उबरी असल कहानी! बीजेडी नेताओं ने क्यों किया वक्फ बिल का समर्थन?

Waqf Amendment Bill : ओडिशा की सियासत में बीजू जनता दल (बीजेडी) के भीतर एक नया विवाद उभरकर सामने आया है। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता रणेन्द्र प्रताप स्वैन ने पार्टी सुप्रीमो नवीन पटनायक को एक पत्र लिखकर वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में कुछ सांसदों के वोटिंग के फैसले पर गहरी चिंता जताई है। स्वैन का मानना है कि इस कदम ने बीजेडी की धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

उन्होंने नवीन पटनायक से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर स्पष्टता लाएं और कार्यकर्ताओं का भरोसा जीतने के लिए ठोस कदम उठाएं। यह पत्र न केवल पार्टी के भीतर की उथल-पुथल को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि ओडिशा की जनता अपने नेतृत्व से कितनी उम्मीदें रखती है।

बीजू बाबू की विरासत को फिर से जीने की जरूरत

स्वैन ने अपने पत्र में बीजू जनता दल की वैचारिक नींव पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि बीजू पटनायक, जिन्हें प्यार से बीजू बाबू कहा जाता है, ने हमेशा सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता को अपनी राजनीति का आधार बनाया। स्वैन का कहना है कि आज का समय उस विरासत को फिर से जीने का है। ओडिशा के लोग चाहते हैं कि उनकी पार्टी न केवल सिद्धांतों पर अडिग रहे, बल्कि सामाजिक न्याय के लिए और मजबूती से काम करे। स्वैन ने नवीन पटनायक के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में पार्टी पहले भी कई चुनौतियों से उबरी है और अब भी ऐसा कर सकती है।

वक्फ बिल पर क्यों बदला रुख?

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बीजेडी का रुख शुरू में विरोध का था। लेकिन संसद में वोटिंग के समय पार्टी ने अपने सांसदों को स्वतंत्र रूप से फैसला लेने की छूट दी। इस दौरान कुछ सांसदों ने बिल के पक्ष में वोट किया, जिसके बाद से पार्टी के भीतर और बाहर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। स्वैन का कहना है कि इस फैसले ने कार्यकर्ताओं में असंतोष पैदा किया है। उन्होंने सुझाव दिया कि पार्टी को अपने मूल सिद्धांतों पर लौटना होगा और कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेना होगा। स्वैन ने जोर देकर कहा कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता को पार्टी की कहानी का केंद्र बनाना जरूरी है।

ओडिशा के लिए एक नई दिशा

स्वैन ने अपने पत्र में यह भी कहा कि ओडिशा के लोग अपने नेताओं से साहसिक और सैद्धांतिक नेतृत्व की उम्मीद करते हैं। बीजू जनता दल के पास मौका है कि वह न केवल अपनी छवि को मजबूत करे, बल्कि सामाजिक न्याय के लिए एक नया रास्ता बनाए। उन्होंने नवीन पटनायक से अपील की कि वे कार्यकर्ताओं और जनता को यह भरोसा दिलाएं कि पार्टी अपने मूल्यों से समझौता नहीं करेगी। स्वैन का मानना है कि अगर बीजेडी सामाजिक न्याय को अपनी राजनीति का आधार बनाए रखेगी, तो वह जनता के दिलों में और गहरी जगह बना सकती है।

यह पत्र बीजू जनता दल के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। रणेन्द्र प्रताप स्वैन ने जिस तरह से अपनी बात रखी है, वह न केवल पार्टी के भीतर की चुनौतियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि नेतृत्व के सामने अब स्पष्टता और कार्रवाई की जरूरत है। ओडिशा की सियासत में बीजेडी का अगला कदम क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन इतना तय है कि स्वैन का यह पत्र पार्टी को अपनी जड़ों की ओर लौटने और जनता का भरोसा जीतने की एक नई प्रेरणा दे सकता है।

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