Pitru Paksha 2023: इस तारीख से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष, इन नियमों का जरूर करें पालन

नई दिल्ली, 11 सितम्बर , 2023 : पितृ पक्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य पितरों को संतुष्ट करना और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना है. पितृ पक्ष के दौरान किए गए श्राद्ध और तर्पण से मान्यता है कि पितर प्रसन्न होते हैं और वे व्यक्ति की जीवन में आने वाली विभिन्न समस्याओं का समाधान करते हैं.
इस समय में हिंदू अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उन्हें श्राद्ध और तर्पण द्वारा श्रद्धांजलि देते हैं. पितृ पक्ष की विशेष तिथियों पर श्राद्ध की जाती है.
पितृ पक्ष की तिथियां
इस वर्ष पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरू हो रहा है और 14 अक्टूबर को समाप्त होगा. इस अवधि में कुछ विशिष्ट तिथियां होती हैं, जिस पर श्राद्ध करने की परंपरा है.
- 29 सितंबर: पूर्णिमा श्राद्ध
- 30 सितंबर: द्वितीया श्राद्ध
- 01 अक्टूबर: तृतीया श्राद्ध से 13 अक्टूबर को चतुर्दशी श्राद्ध तक लगातार
- 14 अक्टूबर: सर्व पितृ अमावस्या
पितृ पक्ष के नियम
पितृ पक्ष के दौरान कुछ नियम भी होते हैं जिन्हें पालना चाहिए. जैसे कि प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना, नया सामग्री नहीं खरीदना, जश्न या उत्सव में भाग नहीं लेना और शराब या मांस नहीं खाना. नाखून या बाल काटना और दाढी नहीं बनवाना चाहिए.
पितृ पक्ष में पितरों को याद करने के लिए जल अर्पित करने, काला तिल मिलाने और कुश का उपयोग करने की परंपरा है. पितृ पक्ष के समाप्त होने पर, परिवार निर्धनों को भोजन भी प्रदान करता है.