रेलवे में इंटरव्यू के आधार पर स्थाई नौकरी, फटाफट देखें डिटेल

रेलवे में नौकरी का सपना देखने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, वाक इन इंटरव्यू से बहाल किए जाएंगे डाक्टर और मेडिकल स्टाफ

रेलवे में इंटरव्यू के आधार पर स्थाई नौकरी, फटाफट देखें डिटेल

रेलवे में नौकरी तलास रहे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। दरअसल दक्षिण पूर्व रेलवे में ट्रैक मेंटेनेंस, ट्रैक्शन रिपेयर डिपार्टमेंट व सिग्नल मेंटेनेंस विभाग में 30 प्रतिशत रिक्त पदों पर जल्द बहाली होगी, ताकि कर्मचारियों पर पड़ने वाले बोझ को कम किया जा सके।

नई दिल्ली में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके त्रिपाठी की अध्यक्षता में बोर्ड स्तर पर परमानेंट निगोसिएशन मैकेनिज्म (स्थायी वार्ता तंत्र) में इसे लेकर सहमति बनी है। इस बैठक में दक्षिण पूर्व रेलवे से नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआइआर) से सहायक महासचिव एसआर मिश्रा व जोनल सचिव शशि मिश्रा शामिल हुए हैं।

कर्मचारियों की कमी से कराया गया अवगत

शशि मिश्रा ने बताया कि पीएनएम की बैठक में मैनपावर की कमी की जानकारी बोर्ड में दी गई। बताया कि दक्षिण पूर्व रेलवे में 300 किलोमीटर थर्ड लाइन का निर्माण हो चुका है। पहले ही अप व डाउन लाइन के रख-रखाव में कर्मचारियों की कमी है। थर्ड लाइन अस्तित्व में आने के बाद से कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ गया है।

यहीं स्थिति सिग्नल मेंटेनेंस व ट्रैक्शन रिपेयर डिपार्टमेंट की भी है। कर्मचारी एक फ्लियर अटेंड कर वापस आते हैं और उन्हें दूसरे फ्लियर की सूचना मिल जाती है। ऐसे में वे मानसिक तनाव में है, उन्हें छुट्टी भी नहीं मिल रही है। लंबी चर्चा के बाद बोर्ड चेयरमैन ने विभागवार रिक्त कर्मचारियों की सूची मांगी है। कहा कि जरूरत के अनुसार कर्मचारियों को बहाल किए जाएंगे।

संविदा पर डाक्टर और मेडिकल स्टाफ की होगी भर्ती

वहीं, जोन महाप्रबंधक व डीआरएम को अधिकृत किया है कि वे वाक इन इंटरव्यू के तहत संविदा पर डाक्टर व पारा मेडिकल स्टाफ की भर्ती करेंगे। वहीं, बैठक में रनिंग स्टाफ की ड्यूटी तय करने, फाइव स्टार सुविधायुक्त रनिंग स्टाफ की सुविधा देने, कैंटीन में खाने की गुणवत्ता को बेहतर करने, तबादले के बाद कर्मचारियों को कंपाउंड ट्रांसफर ग्रांट व ट्रैवल्स एलाउंस की सुविधा देने जाने की मांग की गई है।

चेयरमैन ने कहा कि रेलवे के पास फंड की कोई कमी नहीं है। किस जोन में कितना बकाया है, इसकी सूची बनाकर दें। वहीं, निजी पैथालाजी विभाग के बिल का भुगतान नहीं होने पर बोर्ड ने अनभिज्ञता जाहिर की।

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