किसान आंदोलन का 30वां दिन: रेल सेवा पर भारी असर, 5144 ट्रेनें प्रभावित

दरअसल, अंबाला-साहनेवाल रेल सेक्शन पर शंभू रेलवे स्टेशन के नजदीक रेलवे लाइन पर किसान डटे हुए हैं। 
किसान आंदोलन का 30वां दिन: रेल सेवा पर भारी असर, 5144 ट्रेनें प्रभावित
दून हॉराइज़न, अंबाला (हरियाणा) 

किसान आंदोलन को 30 दिन पूरे हो गए लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। 17 अप्रैल से शुरू हुए आंदोलन को लेकर 16 मई तक 5144 ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो चुका है। इस दौरान 2017 ट्रेनों को पूर्णतौर पर रद्द रखा गया।

वहीं 2043 ट्रेनों को बदले मार्ग से और 394 ट्रेनों को बीच रास्ते रद्द करके पुन: संचालित किया गया जबकि 690 मालगाड़ियों को बदले मार्ग से गंतव्य की तरफ भेजा गया।दरअसल, अंबाला-साहनेवाल रेल सेक्शन पर शंभू रेलवे स्टेशन के नजदीक रेलवे लाइन पर किसान डटे हुए हैं।

उनकी मांग है कि जब तक पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए उनके साथी रिहा नहीं होते, तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा। इससे रेलवे को अरबों रुपये का नुकसान हो चुका है। वहीं प्रतिदिन हजारों यात्री इसका खामियाजा भुगत रहे हैं।

दूसरी तरफ ट्रेनों के मार्ग बदलने की वजह से अमृतसर और जम्मू की तरफ से आवागमन करने वाली ट्रेनें घंटों देरी से चल रही हैं। रेलवे अधिकारियों की लाख कोशिशों के बाद भी ट्रेनों के समय पर संचालन को लेकर रुपरेखा नहीं बन पा रही।

इस कारण रेलयात्री घंटों स्टेशनों पर इंतजार के लिए मजबूर हैं। दूसरी ओर यात्रियों की समस्या को देखते हुए रेलवे ने सहयोग केंद्र पर तैनात कर्मचारी को प्रत्येक दो घंटे बाद ट्रेनों की जानकारी अपडेट करने के निर्देश जारी किए हैं।

आगामी तीन दिन प्रभावित रहेंगी 188 ट्रेनें

रेलवे ने 17 से 19 मई तक प्रभावित ट्रेनों की सूची भी वीरवार शाम को जारी कर दी। इसमें 69 ट्रेनों को आगामी तीन दिनों के लिए रद्द रखने का फैसला किया गया है, जबकि 104 ट्रेनों को बदले मार्ग से और 15 ट्रेनों को बीच रास्ते रद्द करके पुन: संचालित करने का निर्णय लिया गया है।

अगर इस दौरान ट्रेनों के संचालन में कुछ बदलाव होता है तो इसकी जानकारी भी यात्रियों के साथ साझा की जाएगी। किसान आंदोलन के कारण रेलवे को काफी नुकसान हो रहा है और यात्री भी परेशान हैं।

मार्ग बदलने की वजह से भी दिक्कत हो रही है। एकल मार्ग के कारण ट्रेन का आवागमन सुरक्षित तरीके से करने में समय अधिक लग रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा और फिर पूर्व की तरह सभी ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

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