जींद : विश्वविद्यालयों को अनुदान की जगह लोन दिए जाने की घोषणा पर बिफरे छात्र

जींद : विश्वविद्यालयों को अनुदान की जगह लोन दिए जाने की घोषणा पर बिफरे छात्र


जींद, 10 मई (हि.स.)। किसान छात्र एकता संगठन के सदस्यों ने सीआरएसयू रजिस्ट्रार लवलीन मोहन को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन भेजा। सीआरएसयू प्रधान रश्मि सोनी ने बताया कि जिस प्रकार युनिवर्सिटी विश्वविद्यालय में अनुदान की जगह लोन देने की प्रक्रिया शुरू की गई है, उसका वो विरोध कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में शिक्षा दान के रूप में ली जाती है और अगर विश्वविद्यालय को लोन दिया जाएगा तो उसकी भरपाई क्या शिक्षा को बेच कर की जाएगी।

पिछले दो दिन से चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में किसान छात्र एकता संगठन के सदस्य द्वारा सर्वे करवाए जा रहे थे कि क्या यह लोन विश्वविद्यालय के हित में है या नहीं। उन्होंने कहा कि यह लोन मध्यमवर्ग परिवार के छात्रों हित में नहीं है। जो हरियाणा की सभी यूनिवर्सिटी में 147 करोड़ के लगभग लोन दिया गया है उसका वो विरोध करते हैं। एसएफआई ने मंगलवार को हरियाणा प्रदेश के विश्विद्यालयों को सरकार द्वारा ग्रांट बंद कर लोन दिए जाने के फैसले के रोष सवरूप ज्ञापन सौंपा और मांग की कि शीघ्र ही इस निर्णय को वापस लिया जाए। एसएफआई ईकाई सचिव दीपक बेरीवाल और कमेटी सदस्य प्रवेश ने कहा कि सरकार कि इस प्रकार की नीतियां शिक्षण संस्थानों को प्राईवेट प्रथा की तरफ ले जाने का पहला कदम है। जिससे ग्रामीण स्तर के गरीब, किसान परिवारों की पहुंच से शिक्षा व्यवस्था को दूर करने का सोचा समझा षडय़ंत्र है, इसका एसएफआई पुरजोर विरोध करती है।

जल्द सभी विश्वविद्यालयों के सभी छात्र संगठनों, शिक्षकों तथा गैर शिक्षकों की बैठक बुला कर आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कथित नई शिक्षा नीति 2020 का मुख्य मकसद यही है और उसमें जो कुछ उजागर किया गया है, उससे ज्यादा छिपा कर रखा हुआ है। वह छिपा हुआ एजेंडा अब स्कूल और कालेज से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक ताबड़तोड़ गति से लागू किया जा रहा है। इससे शिक्षण संस्थानों की आत्मनिर्भरता खत्म होगी। एसएफआई ने कुलसचिव लवलीन मोहन को ज्ञापन सौंप सरकार से निजीकरण व छात्र विरोधी फैसलों को वापस लेने की मांग की है। इस मौके पर पूनम, मोहित, अहरिका, अभिषेक, रिंकू आदि शामिल रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव

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