Farmer Protest: शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस का एक्शन, 13 महीने बाद खुला हाईवे! बुलडोजर से हटाए गए किसानों के टेंट

Farmer Protest: किसान आंदोलन खत्म होने से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर टेंट हटे, हाईवे खुला। पंजाब सरकार और प्रशासन ने बैरिकेड्स हटवाए, पुलिस बल तैनात किया। दिल्ली-जींद-संगरूर हाईवे चालू होने से यातायात, व्यापार और परिवहन को राहत मिलेगी।
Farmer Protest: शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस का एक्शन, 13 महीने बाद खुला हाईवे! बुलडोजर से हटाए गए किसानों के टेंट

Farmer Protest: पिछले 13 महीनों से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी और शंभू बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन (Kisan Andolan) अब खत्म हो चुका है। सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए इन प्रदर्शन स्थलों से किसानों के टेंट हटा दिए हैं, जिसके बाद बंद पड़े रास्ते फिर से खुल गए हैं।

शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल (Police Force) की तैनाती की गई है, ताकि कोई अनहोनी न हो सके। यह आंदोलन लंबे समय से चर्चा में था और अब इसके समाप्त होने से लोगों में राहत की सांस देखी जा रही है।

पंजाब सरकार (Punjab Government) ने तेजी से कार्रवाई करते हुए शंभू बॉर्डर पर लगे टेंटों को हटवाया, जिससे दिल्ली-जींद-संगरूर हाईवे (Delhi-Jind-Sangrur Highway) फिर से खुलने का रास्ता तैयार हुआ। वहीं, खनौरी बॉर्डर (Khanauri Border) पर जेसीबी मशीनों (JCB Machines) की मदद से सीमेंट के बैरिकेड्स (Cement Barricades) हटाने का काम शुरू हो गया है।

पिछले 13 महीनों से यह हाईवे (Highway) किसान आंदोलन की वजह से बंद था, जिसके चलते आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हाईवे बंद होने से न सिर्फ रोज़मर्रा का आवागमन (Daily Commute) प्रभावित हुआ, बल्कि व्यापार (Trade) और परिवहन (Transport) पर भी बुरा असर पड़ा। अब रास्ता खुलने से स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।

प्रशासन ने इस मामले में अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लिया है। शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था (Security Arrangements) को मजबूत करने के लिए पुलिस बल को सक्रिय किया गया है। खनौरी बॉर्डर पर भी बैरिकेड्स हटाने का काम तेज़ी से चल रहा है। हाईवे के खुलने से दिल्ली (Delhi), हरियाणा (Haryana), और पंजाब (Punjab) के बीच यातायात (Traffic) फिर से सुचारू होगा।

इससे न केवल आम नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि व्यापार और परिवहन गतिविधियाँ भी पटरी पर लौटेंगी। यह कदम क्षेत्र की अर्थव्यवस्था (Economy) और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में अहम साबित हो सकता है।

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