Farmer Protest: किसानों पर हुई कार्रवाई के बाद राकेश टिकैत आगबबूला, सरकार को दी चेतावनी

Farmer Protest: पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले 13 महीनों से चल रहा किसान आंदोलन आखिरकार खत्म हो गया। पंजाब पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए बॉर्डर को खाली करा दिया। इस दौरान पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों को हिरासत में लिया और उनके बनाए अस्थायी शेड को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।
अब हरियाणा पुलिस भी सीमा पर लगी सीमेंट की बैरिकेडिंग को हटाने की तैयारी कर रही है। इस कार्रवाई से किसान समुदाय में गुस्सा फैल गया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार के इस कदम को किसानों के हक की आवाज दबाने की कोशिश बताया है। हमारा अनुभव बताता है कि सरकार की नीतियों से किसानों का भरोसा लगातार कम हो रहा है, और यह घटना उसकी मिसाल है।
किसान संगठनों का कहना है कि यह आंदोलन उनकी जायज मांगों के लिए था, मगर सरकार ने इसे बलपूर्वक खत्म करने का रास्ता चुना। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रमुख राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार एक तरफ बातचीत का ढोंग करती है, तो दूसरी तरफ किसानों को जेल में डाल रही है।
उन्होंने पंजाब सरकार और आम आदमी पार्टी (AAP) पर भी निशाना साधा, जो उनके मुताबिक इस मामले में बेवजह दखल दे रही है। टिकैਤ ने साफ कहा कि किसानों का संघर्ष केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ है, और वे अपनी मांगों को लेकर पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने सरकार से मांग की कि हिरासत में लिए गए सभी किसानों को तुरंत रिहा किया जाए और उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जाए। उनका मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से किसान डरने वाले नहीं, बल्कि और मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे।
वहीं, पंजाब सरकार का दावा है कि बॉर्डर खाली कराने का फैसला कानून-व्यवस्था को बनाए रखने और आम लोगों की परेशानी को कम करने के लिए जरूरी था। प्रशासन का कहना है कि लंबे समय से बंद बॉर्डर की वजह से लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही थी। हालांकि, केंद्र सरकार इस पूरे मामले पर अब तक चुप्पी साधे हुए है, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को किसानों के साथ संवाद बढ़ाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे टकराव से बचा जा सके। यह घटना एक बार फिर किसान आंदोलन और सरकार के बीच तनाव को उजागर करती है।