Haryana Budget Session 2025: हर घंटे 3 करोड़ का कर्ज! हरियाणा सरकार की आर्थिक नीतियों पर विपक्ष ने साधा निशाना

Haryana Budget Session 2025: हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 2025 अपने 9वें दिन में प्रवेश कर चुका है, और इस बार विपक्ष ने सरकार के बजट को लेकर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने बजट पर चर्चा के दौरान इसे “भविष्य के लिए नाकाफी और कमजोर” करार दिया। उन्होंने सरकार की आर्थिक नीतियों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यह बजट हरियाणा के लोगों, खासकर युवाओं और महिलाओं की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता।
उनके मुताबिक, बजट में ऐसा कोई ठोस कदम नहीं दिखता, जो प्रदेश के विकास को नई दिशा दे सके। यह बात उन्होंने बेहद साफगोई से विधानसभा में रखी, जिससे बहस और गर्म हो गई।
आदित्य सुरजेवाला ने सरकार पर कर्ज के बढ़ते बोझ का आरोप लगाया। उनका कहना था कि हरियाणा की अर्थव्यवस्था हर दिन कर्ज के दलदल में और गहरे धंसती जा रही है। उन्होंने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए कि पिछले 11 सालों में प्रदेश पर 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चढ़ चुका है।
यही नहीं, उनका दावा था कि हर दिन 73 करोड़ रुपये और हर घंटे 3 करोड़ रुपये का कर्ज बढ़ रहा है। सवाल यह उठता है कि इतना भारी-भरकम कर्ज लेने के बाद भी हरियाणा में बड़े विकास कार्य क्यों नजर नहीं आते? सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह सरकार कर्ज लेकर प्रदेश को वित्तीय संकट की ओर धकेल रही है और सत्ता छोड़ने के बाद इसका बोझ जनता पर छोड़ जाएगी।
बजट को “युवा विरोधी” बताते हुए सुरजेवाला ने सरकार की नीतियों पर निशाना साधा। उनका कहना था कि इस बजट में युवाओं के लिए रोजगार या बेहतर भविष्य की कोई उम्मीद नहीं दिखती। बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं के लिए यह बजट एक खोखला वादा साबित हुआ है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर युवाओं की अनदेखी क्यों की जा रही है, जो प्रदेश का भविष्य हैं। उनकी यह बात सुनकर सदन में मौजूद कई विधायकों की चिंता साफ झलक रही थी।
सरकार की बहुचर्चित “लाडो लक्ष्मी योजना” भी सुरजेवाला के निशाने पर रही। उन्होंने इस योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने इसके लिए 5000 करोड़ रुपये का बजट तो रखा, लेकिन यह हरियाणा की सभी महिलाओं तक नहीं पहुंचेगा। सुरजेवाला ने बताया कि प्रदेश में 18 साल से अधिक उम्र की करीब एक करोड़ महिलाएं हैं, लेकिन इस योजना से सिर्फ 20 लाख महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये मिलेंगे।
उनका तर्क था कि यह योजना हर महिला के लिए नहीं, बल्कि केवल एक छोटे हिस्से को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई है। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सिर्फ दिखावटी कदम है, जिसका असली लाभ सीमित लोगों तक ही रहेगा।