Haryana Budget Session 2025: हरियाणा बजट 2025 पर गरजे चौटाला, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- किसानों के साथ हो रहा धोखा

Haryana Budget Session 2025: हरियाणा बजट सत्र 2025 में आदित्य देवीलाल चौटाला ने बजट की आलोचना की और इसे जनता के साथ धोखा बताया। वित्तीय घाटा 4.21 लाख करोड़ तक पहुंचा, किसान समस्याओं को नजरअंदाज किया गया। कृषि योजनाएं कागजी, हरियाणा सरकार की आर्थिक नीतियां नाकाम।
Haryana Budget Session 2025: हरियाणा बजट 2025 पर गरजे चौटाला, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- किसानों के साथ हो रहा धोखा

Haryana Budget Session 2025: हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 2025 अपने 9वें दिन तक पहुंचा, जहां विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के डबवाली से विधायक आदित्य देवीलाल चौटाला ने बजट को लेकर तीखा रुख अपनाया और इसे जनता के साथ छलावा करार दिया।

उनके मुताबिक, यह बजट हरियाणा के हर वर्ग की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा और इसमें केवल दिखावे के लिए योजनाएं शामिल की गई हैं। चौटाला ने कहा कि सरकार ने बजट में सिर्फ आंकड़ों का खेल खेला है, जिससे हरियाणा के लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

आदित्य देवीलाल चौटाला ने विधानसभा में अपनी बात रखते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा बजट (Haryana Budget) पर पूरे प्रदेश की नजर होती है, लेकिन इस बार यह सिर्फ शब्दों और आंकड़ों की जादूगरी बनकर रह गया।

उनका कहना था कि सरकार ने ऐसी योजनाओं के नाम गिनाए, जो हकीकत से कोसों दूर हैं। क्या सरकार का मकसद हरियाणा को कर्ज के बोझ तले दबाना है? क्या प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) बढ़ाने के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है? चौटाला ने यह भी याद दिलाया कि साल 2005 में ओम प्रकाश चौटाला के शासनकाल में प्रदेश की आर्थिक स्थिति (Economic Condition) आज से कहीं बेहतर थी।

लेकिन मौजूदा सरकार के दौर में हरियाणा का वित्तीय घाटा (Fiscal Deficit) 4 लाख 21 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो सरकार की आर्थिक नीतियों (Economic Policies) की नाकामी को साफ दिखाता है।

किसानों की बात करें तो आदित्य देवीलाल ने सरकार पर उनके साथ धोखा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों को देश की रीढ़ बताती है, लेकिन दूसरी तरफ उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर उन्हें कर्ज के जाल में फंसाने का काम कर रही है। कृषि योजनाएं (Agricultural Schemes) सिर्फ कागजों पर चल रही हैं, जबकि जमीनी हकीकत में किसानों को कोई फायदा नहीं मिल रहा।

चौटाला ने दावा किया कि सरकार योजनाओं के नाम पर किसानों को गुमराह कर रही है और उनकी बेहतरी के बजाय उनके हालात बद से बदतर करने की साजिश रच रही है। हरियाणा के लोगों को अब यह समझने की जरूरत है कि क्या यह बजट सचमुच उनके हित में है या सिर्फ दिखावा।

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