Haryana Budget Session 2025: विधायक बनाम मंत्री! गोहाना की जलेबी पर छिड़ी बहस ने हरियाणा विधानसभा में बढ़ाया तनाव

Haryana Budget Session 2025: हरियाणा विधानसभा का 2025 बजट सत्र बुधवार को उस समय चर्चा का केंद्र बन गया जब खाद्य पदार्थों में मिलावट और गोहाना की मशहूर जलेबी का मुद्दा जोर-शोर से उठा। सदन में हुई इस बहस ने न केवल लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा जैसे गंभीर विषयों को भी उजागर किया।
विशेषज्ञों का मानना है कि मिलावटी खाद्य पदार्थ (adulterated food) लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। इस दौरान भाजपा विधायक रामकुमार गौतम और मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा के बीच तीखी बहस ने माहौल को और गर्म कर दिया। यह चर्चा सिर्फ हरियाणा तक सीमित नहीं रही, बल्कि गोहाना की जलेबी (Gohana ki jalebi) की शुद्धता का सवाल अब दिल्ली और महाराष्ट्र तक पहुंच गया है।
सत्र में गोहाना की जलेबी और मिलावट का मुद्दा तब और रोचक हो गया जब मंत्री अरविंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा चुनाव (Haryana elections) में इस मिठाई का जिक्र हुआ था, जो अब राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुकी है। लेकिन विधायक रामकुमार गौतम ने तंज कसते हुए कहा कि अब यह जलेबी देसी घी (desi ghee) की जगह डालडा (Dalda) में बनाई जा रही है, जिससे इसकी शुद्धता (purity) पर सवाल उठ रहे हैं।
इस टिप्पणी से नाराज मंत्री ने व्यंग्य भरे लहजे में जवाब दिया कि विधायक को शायद ऐसी दुकानों का पता है, जहां मिलावट होती है और वे शर्त पर गोबर तक पी सकते हैं। इस बयान ने सदन में हंगामा खड़ा कर दिया।
चर्चा तब और तेज हो गई जब रामकुमार गौतम ने मंत्री अरविंद शर्मा पर व्यक्तिगत हमला बोला। गौतम ने आरोप लगाया कि इस डॉक्टर ने पंप और डेयरी फार्म (dairy farm) के नाम पर लोगों से लाखों रुपये ठगे हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके एक रिश्तेदार के 10 लाख रुपये भी हड़प लिए गए। जवाब में मंत्री ने चुनौती दी कि अगर ये आरोप साबित हो जाएं, तो वे राजनीति छोड़ देंगे। यह नोकझोंक न केवल राजनीतिक गलियारों में, बल्कि आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन गई।
इस बहस के बीच विधायक गौतम ने मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि नकली मिठाई (fake sweets), दूध (milk), पनीर (paneer), और दवाइयां (medicines) बेचने वाले देश के लिए खतरा हैं। मिलावट को हत्या जैसा अपराध बताते हुए उन्होंने दोषियों के लिए फांसी की सजा (death penalty) की वकालत की।
उनका कहना था कि सरकार को मिलावटखोरों (adulterators) के खिलाफ ऐसी सजा का प्रावधान करना चाहिए, जिससे भविष्य में कोई भी ऐसा कदम उठाने से पहले डरे। यह मांग हरियाणा में खाद्य सुरक्षा (food safety) को लेकर एक बड़े बदलाव की ओर इशारा करती है।