Haryana News : हरियाणा में स्कूटी से घर लौट रहे SPO की अचानक हुई मौत, गांव में पसरा मातम

Haryana News : हरियाणा के झज्जर में SPO सुखबीर की हार्ट अटैक से मौत हो गई। सेना से रिटायर्ड सुखबीर फरूखनगर में ड्यूटी के बाद स्कूटी से घर लौट रहे थे, तभी हार्ट अटैक आया। गांव अच्छेज के लोगों ने अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया। पुलिस ने पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंपा।
Haryana News : हरियाणा में स्कूटी से घर लौट रहे SPO की अचानक हुई मौत, गांव में पसरा मातम

Haryana News : हरियाणा के झज्जर जिले से एक दुखद खबर सामने आई है, जहां एक साधारण दिन अचानक मातम में बदल गया। हरियाणा पुलिस में विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) के पद पर कार्यरत सुखबीर की हार्ट अटैक से असामयिक मृत्यु हो गई। यह घटना न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव और पुलिस विभाग के लिए भी एक गहरा आघात है।

सुखबीर, जो कभी भारतीय सेना का हिस्सा थे, अपनी ड्यूटी के प्रति समर्पण और मेहनत के लिए जाने जाते थे। लेकिन शनिवार की देर शाम, जब वह अपनी स्कूटी पर घर लौट रहे थे, नियति ने उनके साथ क्रूर मजाक खेला।

ड्यूटी से घर की ओर अंतिम यात्रा

सुखबीर झज्जर जिले के गांव पहाड़ीपुर के रहने वाले थे। सेना से रिटायर होने के बाद उन्होंने हरियाणा पुलिस में SPO के रूप में नई पारी शुरू की थी। फरूखनगर में तैनात सुखबीर उस दिन अपनी ड्यूटी पूरी कर घर की ओर निकले थे। शाम का समय था, और वह अपनी स्कूटी पर गांव की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन गांव पहुंचने से पहले ही उनके सीने में तेज दर्द उठा। यह हार्ट अटैक इतना गंभीर था कि वह स्कूटी से नीचे गिर पड़े। आसपास के लोगों ने उन्हें तुरंत देखा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

गांव वालों का प्रयास और अस्पताल का फैसला

गांव अच्छेज के कुछ संवेदनशील लोगों ने सुखबीर को फौरन अस्पताल पहुंचाया। उम्मीद थी कि शायद उनकी जान बच जाए। लेकिन अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने जो खबर सुनाई, वह दिल दहला देने वाली थी। सुखबीर को मृत घोषित कर दिया गया। यह खबर सुनते ही उनके परिवार और गांव में सन्नाटा छा गया। एक ऐसा शख्स, जो कभी देश की सीमाओं पर तैनात रहा और फिर पुलिस की वर्दी में समाज की सेवा करता रहा, अब हमेशा के लिए चला गया था।

पुलिस की कार्रवाई और परिवार का दर्द

घटना के बाद हरियाणा पुलिस ने तुरंत कदम उठाया। सुखबीर के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया और उसे उनके परिजनों को सौंप दिया गया। परिवार के लिए यह नुकसान असहनीय है। सुखबीर न केवल एक जांबाज सैनिक और पुलिसकर्मी थे, बल्कि अपने घर का भी सहारा थे। उनकी अचानक मृत्यु ने कई सवाल छोड़ दिए हैं—क्या समय पर इलाज मिल पाता तो उनकी जान बच सकती थी? यह घटना स्वास्थ्य और तनाव से जुड़े मुद्दों पर भी सोचने को मजबूर करती है।
 

Share this story