सिरसा में भूकंप का हल्का झटका, पंजाब सीमा पर 10 किलोमीटर गहराई में हुई हलचल!

सिरसा में पंजाब की सीमा से सटे मंडी डबवाली के पास भूकंप का केंद्र रहा। यह क्षेत्र भूकंप के जोन दो में आता है। आमतौर पर ऐसे क्षेत्र में भूकंप का सबसे कम खतरा रहता है। 
सिरसा में भूकंप का हल्का झटका, पंजाब सीमा पर 10 किलोमीटर गहराई में हुई हलचल!
दून हॉराइज़न, सिरसा 

हरियाणा के सिरसा में गुरुवार शाम को भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 दर्ज की गई है। शाम छह बजकर दस मिनट पर हलचल महसूस की गई है। जमीन के दस किलोमीटर नीचे हुई हलचल के कारण धरती में कंपन महसूस किया गया। 

सिरसा में पंजाब की सीमा से सटे मंडी डबवाली के पास भूकंप का केंद्र रहा। यह क्षेत्र भूकंप के जोन दो में आता है। आमतौर पर ऐसे क्षेत्र में भूकंप का सबसे कम खतरा रहता है। भूकंप की तीव्रता सिरसा के अलावा राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और पंजाब के अबोहर, बठिंडा और मानसा क्षेत्र में भी महसूस की गई।

जोन दो में आया भूकंप

भारत में भूकंप को चार जोन में बांटा गया है। जिसमें जोन दो, तीन, चार और पांच शामिल है। इसको खतरों के हिसाब से आंका जाता है। जोन दो में सबसे कम खतरा और जोन पांच में सबसे अधिक खतरा होता है। मैप में जोन दो को आसमानी रंग, जोन तीन को पीला रंग, जोन चार को संतरी रंग और जोन पांच को लाल रंग दिया गया है। इसमें रोहतक जिले का दिल्ली साइड का क्षेत्र जोन चार व हिसार साइड का क्षेत्र जोन तीन में आता है।

भूकंप रोधी तकनीक से कम ऊंचाई वाले मकान बनाएं

लोगों को भूकंप रोधी पदार्थ से मकान बनाने चाहिए। लोगों को दो या तीन मंजिल से अधिक ऊंचे मकान नहीं बनाने चाहिए। मकान बनाने से पहले मिट्टी की जांच व भूकंप संबंधी अन्य बातों को जानना जरूरी है। मकान हल्के व मजबूत होने चाहिए।

यह है भूकंप का कारण

जमीन के नीचे फॉल्ट लाइन होती हैं। इसमें अनगिनत दरारें हैं। इन दरारों में गतिविधियां होती हैं। इसके तहत प्लेट मूवमेंट करती हैं। इसके आपस में हल्की सी टकराने पर ही कंपन पैदा होता है। यह कभी भी कहीं भी हो सकता है। इसी वजह से भूकंप के झटके महसूस होते हैं।

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