अमृतपाल सिंह पर से हट सकता है NSA! पंजाब सरकार का बड़ा फैसला?

पंजाब सरकार अमृतपाल सिंह और उनके साथियों पप्पलप्रीत सिंह, वरिंदर विक्की पर से NSA हटा सकती है। डिब्रूगढ़ जेल से पंजाब लाकर अजनाला थाना हमले की जांच तेज होगी। 25 मार्च को अगली सुनवाई है। खडूर साहिब सांसद की सियासी और कानूनी जंग में नया मोड़।
अमृतपाल सिंह पर से हट सकता है NSA! पंजाब सरकार का बड़ा फैसला?

पंजाब : खालिस्तान समर्थक और खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह को लेकर पंजाब सरकार एक अहम फैसला लेने की तैयारी में है। सूत्रों की मानें तो सरकार अब अमृतपाल और उनके दो साथियों, पप्पलप्रीत सिंह और वरिंदर विक्की पर लगे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) को हटाने पर विचार कर रही है। अमृतपाल पर लगा एनएसए 22 मार्च 2025 को खत्म हो चुका है, और अभी तक इसे बढ़ाने का कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है। ऐसे में सवाल उठता है, क्या पंजाब सरकार अब अपना रुख बदल रही है?

जेल से पंजाब लाने की तैयारी

असम की डिब्रूगढ़ जेल में पिछले दो साल से बंद अमृतपाल सिंह और उनके साथियों को लेकर पंजाब सरकार का नया प्लान सामने आया है। सूत्र बताते हैं कि सरकार अब इन्हें पंजाब की जेलों में शिफ्ट करना चाहती है। हाल ही में विधानसभा सत्र में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भी इस ओर इशारा किया था। उन्होंने कहा था कि पंजाब से बाहर बंद सभी आरोपियों को राज्य में लाया जाएगा और यहीं उनकी जांच और कार्रवाई होगी। इसका मतलब साफ है कि सरकार अमृतपाल और उनके सहयोगियों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। खास तौर पर 2023 में अजनाला थाने पर हुए हमले की जांच को तेज करने की योजना है।

अजनाला हमले का पुराना हिसाब

अमृतपाल सिंह का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब फरवरी 2023 में उनके नेतृत्व में 200-250 लोगों की हथियारबंद भीड़ ने अजनाला थाने पर हमला बोला था। यह हमला अपने एक साथी लवप्रीत सिंह तूफान को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के लिए किया गया था। भीड़ ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए, थाने में घुस गई और हिंसा में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस घटना के बाद पुलिस ने अमृतपाल और उनके कई साथियों पर सख्त धाराएं लगाकर कार्रवाई शुरू की थी। अब सरकार इस मामले को फिर से खोलने की तैयारी में है।

कोर्ट में क्या हुआ?

शुक्रवार को अमृतपाल के सात साथियों को अजनाला कोर्ट में पेश किया गया। इनमें बसंत सिंह, भगवंत सिंह बाजेखाना, गुरमीत सिंह बुक्कनवाला जैसे नाम शामिल हैं। पुलिस ने सात दिन के रिमांड की मांग की, लेकिन कोर्ट ने चार दिन का रिमांड मंजूर किया। अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी।

ये सभी पिछले दो साल से डिब्रूगढ़ जेल में बंद थे, लेकिन अब पंजाब लाए जाने की संभावना है। इस बीच, अमृतपाल की कहानी और भी दिलचस्प हो जाती है, क्योंकि उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव जेल से ही लड़ा और खडूर साहिब सीट पर जीत हासिल की।

आगे क्या होगा?

पंजाब सरकार के इस कदम से कई सवाल उठ रहे हैं। क्या अमृतपाल पर से एनएसए हटाना एक सियासी चाल है या कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा? क्या अजनाला हमले की जांच में कोई नया मोड़ आएगा? फिलहाल, सूत्रों का कहना है कि सरकार अमृतपाल और उनके साथियों को अमृतसर लाकर जांच में शामिल कर सकती है।

यह कदम न सिर्फ पंजाब की सुरक्षा व्यवस्था के लिए अहम है, बल्कि सियासी हलकों में भी हलचल मचा सकता है। पाठकों के लिए यह खबर इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि यह उनके अपने राज्य की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था से जुड़ी है। आने वाले दिनों में इस मामले पर नजर रखना दिलचस्प होगा।

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