पंजाब : बारिश भी नहीं रोक पाई आस्था, गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में उमड़ा संगत का हुजूम

सोमवार को अमृत वेले से ही बड़ी संख्या में संगत गुरुद्वारा श्री बेर साहिब पहुंचनी शुरू हो गई और गुरुद्वारा साहिब के सरोवर में स्नान के बाद गुरुद्वारा साहिब में नतमस्तक होने का सिलसिला लगातारी जारी रहा। गुरुद्वारा साहिब परिसर में संगत ने कीर्तन श्रवण किया।
पंजाब : बारिश भी नहीं रोक पाई आस्था, गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में उमड़ा संगत का हुजूम 
न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, कपूरथला (पंजाब)

मानवता के रहबर श्री गुरु नानक देव जी के 554वें प्रकाश पर्व पर ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में बूंदाबांदी के बीच लाखों श्रद्धालुओं ने माथा टेककर गुरुघर का आशीर्वाद लिया। रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच सुल्तानपुर लोधी पहुंचने वाली संगत के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। मौसम के बदले मिजाज पर संगत की आस्था भारी पड़ी। 

सोमवार को अमृत वेले से ही बड़ी संख्या में संगत गुरुद्वारा श्री बेर साहिब पहुंचनी शुरू हो गई और गुरुद्वारा साहिब के सरोवर में स्नान के बाद गुरुद्वारा साहिब में नतमस्तक होने का सिलसिला लगातारी जारी रहा। गुरुद्वारा साहिब परिसर में संगत ने कीर्तन श्रवण किया और फिर गुरु जी की ओर से लगाई गई बेरी साहिब और भौरा साहिब के दर्शन किए।

गुरुद्वारा श्री बेर साहिब के भाई मरदाना जी दीवान हॉल में धार्मिक दीवान सजाया गया, जिसमें पंथ के प्रसिद्ध रागियों, ढाडी व कविशरी जत्थों ने उपस्थिति दर्ज करवाई। 

एसजीपीसी की ओर से गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर भाई जरनैल सिंह बूले के नेतृत्व में संगत की सुविधाओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। संगत के निवास व लंगर के लिए उचित प्रबंध किए गए। शहर में अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न संस्थाओं की ओर से नाना प्रकार के लंगर लगाए गए।

रविवार की रात से गुरुद्वारा श्री बेर साहिब के भाई मरदाना जी दीवान हॉल में आयोजित धार्मिक समारोह में कथावाचकों और कीर्तनियों ने गुरबाणी कीर्तन व कथा से संगत को निहाल किया।

इस मौके पर कवि दरबार भी करवाया गया। भाई हरजीत सिंह प्रचारक व कथावाचक भाई करणजीत सिंह आहली ने कथा के माध्यम से संगत को गुरुचरण से जोड़ा। शाम को गुरुद्वारा परिसर में संगत ने मनमोहक दीपमाला की और देर रात को आतिशबाजी हुई। आतिशबाजी देखने संगत का हुजूम गुरुद्वारा परिसर के आसपास जमा हो गया।

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