पंजाब में थमने का नाम नहीं ले रहे पराली जलाने के मामले, सरकार हुई सख्त

पंजाब में पराली जलाने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। 11 जिलों के एसएसपी को डीजीपी की तरफ से पराली जलने की घटनाएं नहीं रोक पाने के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
पंजाब में थमने का नाम नहीं ले रहे पराली जलाने के मामले, सरकार हुई सख्त 
न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, चंडीगढ़

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पराली जलाने के मामले को लेकर सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है। 11 जिलों के एसएसपी को डीजीपी की तरफ से पराली जलने की घटनाएं नहीं रोक पाने के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। इन जिलों में बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फाजिल्का, फिरोजपुर, लुधियाना, मोगा, मुक्तसर, संगरूर, जगराओं और खन्ना शामिल हैं। 

तीन दिन में मांगा जवाब

नोटिस में पूछा गया है कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी न आने का क्या कारण है। अब तक इस पर क्या एक्शन लिया गया है। सोमवार तक सभी को अपना जवाब दाखिल करना होगा। पराली जलाने की घटनाओं पर अब तक पुलिस की ओर से अलग अलग जिलों में 825 मामले दर्ज किए गए हैं।

सरकार ने कुछ समय पहले प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को फील्ड में उतार दिया था। साथ ही सारे पंजाब को सर्किल में बांट दिया था। लेकिन इसके बाद भी आग लगाने की घटनाएं नहीं रुक रही थीं। ऐसे में अब इस मामले को डीजीपी ने गंभीरता से लिया है। जिन जिलों में धान की पराली जलाने के सबसे अधिक केस आ रहे हैं, उनको नोटिस देकर जवाब तलब किया गया है।

पुलिस पराली से स्वास्थ्य पर होने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए गांवों के समूहों, ग्राम सरपंचों और किसान नेताओं के साथ अब तक 7000 से ज्यादा बैठकें की हैं। खेतों में आग की जांच के लिए पुलिस और स्थानीय अधिकारियों के 1,040 संयुक्त उड़न दस्ते बनाए गए हैं।

पराली जलाने वालों की होगी पहचान

पंजाब पुलिस की तरफ से पराली जलाने के मामलों को लेकर अब तक जो केस दर्ज किए हैं। उनमें से कई केस ऐसे है, ऐसे जिसमें आरोपी अज्ञात बताए गए हैं। अब इस मामले को पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने गंभीरता से लिया है। साथ ही सभी जिलों के एसएसपी को हिदायत दी है कि उन लोगों की पहचान की जाए जिनके खेतों में आग लगी है, साथ ही आग किसकी तरफ से लगाई गई, इस चीज का भी पता लगाए जाए।

1.42 करोड़ का लगा जुर्माना

पुलिस और प्रशासन की टीमों ने अब तक 5661 किसानों को पराली जलाने के चलते जुर्माना लगाया है। उन पर 1.42 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। साथ 342 से अधिक किसानों के राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री दर्ज की गई।

संगरूर में सबसे ज्यादा, पठानकोट में सबसे कम जली पराली

पंजाब में पराली जलाने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिछले तीन साल की तुलना करें तो पता चलता है कि पठानकोट में पराली जलाने को लेकर सजग हुए हैं। जिला तीन साल से सबसे कम पराली जलाने के मामलों को बरकरार रखकर अव्वल आ रहा है। वहीं, संगरूर की हालत नहीं सुधर रही है। तीन साल से प्रदेश में सर्वाधिक मामले यहीं से आ रहे हैं। वहीं अभी भी पराली जलाने के मामले आ रहे हैं।

मोहाली जिले में 350 से अधिक गांव हैं। इस साल 15 सितंबर से 15 नवंबर तक पराली जलाने के 132 मामले दर्ज किए गए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 161 घटनाएं दर्ज की गई थीं। वहीं, 2021 में इसी अवधि में खेतों में आग लगने की 200 घटनाएं दर्ज की गईं। सात नवंबर को सर्वोच्च अदालत की चेतावनी के बाद जिले में पराली जलाने का कोई मामला सामने नहीं आया है।

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