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मार्च 2024 में 1 लाख करोड़ रुपये के आईफोन बनाने की तैयारी में ऐपल, बढ़ाई अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता

ऐपल मार्च 2024 में खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष में करीब 1 लाख करोड़ रुपये के आईफोन बनाने के टारगेट पर फोकस कर रहा है। कंपनी की यह तैयारी पश्चिमी देशों में फेस्टिव डिमांड को पूरा करने की है।
मार्च 2024 में 1 लाख करोड़ रुपये के आईफोन बनाने की तैयारी में ऐपल, बढ़ाई अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता
टेक डेस्क, दून हॉराइज़न, नई दिल्ली

ऐपल (Apple) भारत में आईफोन प्रोडक्शन का बड़ा टारगेट लेकर चल रहा है। कंपनी मार्च 2024 में खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष में करीब 1 लाख करोड़ रुपये के आईफोन बनाने के टारगेट पर फोकस कर रही है।

मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के अनुसार कंपनी ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाया है और पहले सात महीनों में ₹60,000 करोड़ से अधिक के प्रोडक्शन को हासिल किया है। अधिकारियों ने कहा कि अगर ऐपल इस वित्तीय वर्ष में 1 लाख करोड़ के लक्ष्य से चूक जाता है, तो यह वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में इस लक्ष्य तक पहुंच जाएगा। 

फेस्टिव डिमांड को पूरा करने की तैयारी

अधिकारियों ने कहा कि ऐपल अमेरिका और पश्चिम में फेस्टिव डिमांड को पूरा करने की तैयारी जुट गया है।कई ग्लोबल इशूज के कारण पश्चिम में इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की खपत कम हो गई है और हो सकता है कि इसका असर डिमांड पर भी पड़े।

भारत में मैन्युफैक्चर हुए लगभग 70% iPhone निर्यात किए जाते हैं। कंपनी ने अब तक इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर के बीच 40,000 करोड़ (5 बिलियन डॉलर) के iPhones का एक्सपोर्ट किया है।

साल-दर-साल 185% का इजाफा

FY23 में iPhone भारत से 5 बिलियन डॉलर के एक्सपोर्ट के आंकड़े को पार करने वाला पहला सिंगल ब्रैंड बन गया है। इस साल ऐपल को पहले सात महीनों में एक्सपोर्ट में साल-दर-साल 185% का इजाफा दर्ज हुआ है। पिछले साल अप्रैल-अक्टूबर के दौरान कंपनी ने 14,000 करोड़ रुपये के आईफोन को एक्सपोर्ट किया था।

भारत में ऐपल की मैन्युफैक्चरिंग तमिलनाडु में ताइवान के फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन द्वारा किया जाता है। इसके अलावा पीएलआई स्कीम के हिस्से के रूप में विस्ट्रॉन (अब टाटा समूह के स्वामित्व में) भी अब आईफोन बनाता है। यहां आईफोन 12 से 15 तक के मॉडल बनाए जाते हैं।

टाटा-विस्ट्रॉन डील

पिछले हफ्ते टाटा ग्रुप ने विस्ट्रॉन इन्फोकॉम मैन्युफैक्चरिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड में 100% इक्विटी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए विस्ट्रॉन हांगकांग के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस प्रकार यह iPhone निर्माता के रूप में आधिकारिक तौर पर ऐपल सप्लाइ चेन में शामिल होने वाली पहली भारतीय इकाई बन गई।

यह सौदा 750 मिलियन डॉलर का था, जिसमें पैरेंट कंपनी द्वारा विस्ट्रॉन इंडिया को दिया गया 550 मिलियन डॉलर का इंटर-कॉर्पोरेट लोन भी शामिल था। 

ऐपल लगातार भारत पर अपना फोकस बढ़ा रहा है, खासकर iPhone प्रोडक्शन के लिए। कंपनी ने 2018-19 से भारत को एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में देखना शुरू कर दिया था। कुछ वर्षों तक, इसने सीमित संख्या में iPhone SE, 7 और 8 मॉडल बनाते हुए बाजार को चेक किया और पिछले 2.5 साल में कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग में काफी बढ़ोतरी हुई है।

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