Hemkund Sahib Yatra : बर्फ से जमे रास्तों की होगी सफाई, जानिए हेमकुंड साहिब यात्रा कब से हो सकती है शुरू

Hemkund Sahib Yatra : उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमालय की गोद में बसा श्री हेमकुंड साहिब, सिख समुदाय का एक पवित्र तीर्थस्थल है। यह गुरुद्वारा 4,632 मीटर की ऊंचाई पर, सात हिमाच्छादित पहाड़ों के बीच, एक बर्फीली झील के किनारे स्थित है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस पवित्र स्थल की यात्रा के लिए उत्साहित रहते हैं। इस बार भी हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुलने वाले हैं, और यात्रा की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं।
यात्रा मार्ग का जायजा: रैकी टीम की वापसी
श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट कमेटी की एक विशेष टीम ने हाल ही में सेना के जवानों के साथ मिलकर गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक के यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया। यह रैकी टीम घांघरिया से लेकर गुरुद्वारे तक के रास्ते की स्थिति का जायजा लेने गई थी। निरीक्षण के बाद टीम सकुशल गोविंदघाट लौट आई है। इस दौरान सामने आया कि मार्ग पर अभी भी 5 फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है। हेमकुंड साहिब परिसर से लेकर अमृत कुंड सरोवर तक का रास्ता पूरी तरह बर्फ की चादर से ढका है, जो इस पवित्र स्थल की सुंदरता को और बढ़ाता है।
बर्फ हटाने की तैयारी: सेना का सहयोग
गुरुद्वारा श्री गोविंदघाट के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि यात्रा मार्ग को श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए जल्द ही बर्फ हटाने का काम शुरू होगा। इसके लिए सेना के जवान आज गोविंदघाट पहुंच रहे हैं। घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक लगभग 6 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर बर्फ की मोटी परत जमी है। सेना के जवान और गुरुद्वारे के सेवादार मिलकर इस चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम देंगे। सरदार सेवा सिंह ने यह भी बताया कि यात्रा के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
हेमकुंड साहिब का आध्यात्मिक महत्व
हेमकुंड साहिब न केवल एक तीर्थस्थल है, बल्कि यह प्रकृति और आध्यात्म का अनूठा संगम भी है। यह गुरुद्वारा सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि गुरु जी ने अपने पिछले जन्म में यहीं तपस्या की थी। बर्फ से ढके पहाड़ों और शांत झील के बीच स्थित यह स्थल हर साल हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है। यात्रा के दौरान श्रद्धालु न केवल आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं, बल्कि हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद लेते हैं।
श्रद्धालुओं के लिए खास संदेश
यात्रा की तैयारियों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट कमेटी और स्थानीय प्रशासन श्रद्धालुओं के लिए हर संभव सुविधा जुटाने में जुटे हैं। यदि आप इस साल हेमकुंड साहिब की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो समय रहते अपनी तैयारियां शुरू कर दें। ठंडे मौसम और ऊंचाई को ध्यान में रखते हुए गर्म कपड़े, उचित जूते और जरूरी सामान साथ रखें। यह यात्रा न केवल आपकी आस्था को मजबूत करेगी, बल्कि आपको हिमालय की गोद में अनमोल पल भी देगी।
श्री हेमकुंड साहिब की यह यात्रा हर श्रद्धालु के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होती है। जैसे-जैसे कपाट खुलने की तारीख नजदीक आ रही है, तैयारियां और तेज हो रही हैं। बर्फीले रास्तों को सुगम बनाने से लेकर श्रद्धालुओं की सुरक्षा तक, हर पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है।
रिपोर्ट : प्रदीप लखेड़ा