30 करोड़ लोग गरीबी से बाहर! लेकिन कांग्रेस को क्यों नहीं हो रहा यकीन : मनवीर सिंह चौहान

Dehradun News : भाजपा ने कांग्रेस के नेताओं पर पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को लेकर सवाल उठाने पर करारा जवाब दिया है। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने इसे जरूरतमंदों का अपमान करार दिया। उनका कहना है कि कांग्रेस 70 साल से गरीबी हटाने के नाम पर सिर्फ वोट की राजनीति करती आई है, लेकिन अब जब मोदी सरकार असल में गरीबों को गरीबी से बाहर निकाल रही है, तो उसे यह हजम नहीं हो रहा। आखिर इस विवाद में कितना दम है? चलिए, इसकी गहराई में उतरते हैं।
गरीबी पर कांग्रेस की दुविधा
देहरादून में पत्रकारों से बात करते हुए मनवीर सिंह चौहान ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का मकसद है कि जो लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं, वे दोबारा उस दलदल में न फंसें। इसके लिए पीएम अन्न योजना जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस को यह बात रास नहीं आ रही। चौहान ने तंज कसते हुए कहा कि जो पार्टी नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक गरीबी हटाने के नारे लगाती रही, वह आज खुद वैचारिक गरीबी का शिकार हो चुकी है। उनके मुताबिक, कांग्रेस ने कभी गरीबों के लिए ठोस कदम नहीं उठाए, सिर्फ वोट बटोरने का खेल खेला।
30 करोड़ लोग गरीबी से मुक्त
चौहान ने कांग्रेस के झूठे बयानों की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी सरकार के विकास कार्यों और जनकल्याण योजनाओं का नतीजा है कि 30 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं। इस आंकड़े पर कांग्रेस को भरोसा न हो, लेकिन वैश्विक एजेंसियों ने भी इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने वही किया, जो दूसरी सरकारें करती थीं, साथ ही असंभव लगने वाले कामों को भी पूरा कर दिखाया। गरीबी उन्मूलन को पीएम मोदी ने चुनौती माना और 8 साल में लाखों परिवारों को बेहतर जिंदगी दी। यह कांग्रेस के लिए जवाब से ज्यादा सवाल खड़ा करता है।
80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज
चौहान ने पीएम अन्न योजना की तारीफ करते हुए कहा कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देना सरकार की जिम्मेदारी और संवेदनशीलता को दिखाता है। कोविड के बाद हालात बिगड़े, तो सरकार ने फैसला लिया कि कोई भी गरीबी रेखा से बाहर आया व्यक्ति दोबारा उस संकट में न जाए। इसलिए अगले पांच साल तक यह योजना जरूरतमंदों को सहारा देगी। लेकिन कांग्रेस इसे गलत ठहराकर गरीबों का हौसला तोड़ने की कोशिश कर रही है। चौहान ने इसे बेहद गैर-जिम्मेदाराना रवैया बताया।
यह पूरा मसला सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं है। यह उन करोड़ों लोगों की उम्मीदों से जुड़ा है, जो सरकार की मदद से बेहतर जिंदगी की ओर बढ़ रहे हैं। कांग्रेस के बयानों से सवाल उठता है कि क्या वह वाकई गरीबों की भलाई चाहती है या सिर्फ सत्ता की कुर्सी? वहीं, भाजपा का दावा है कि वह गरीबी से लड़ रही है और इसके सबूत आंकड़ों में साफ दिखते हैं। अब जनता को तय करना है कि इस बहस में सच किसके साथ है।