20 मार्च को त्यूनी में होगा कमाल, एक ही छत के नीचे मिलेगा सभी सरकारी योजनाएं का लाभ

देहरादून : माननीय मुख्यमंत्री की प्रेरणा से जिला प्रशासन पहली बार वन पंचायतों को वनाग्नि रोकथाम के लिए 15-15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने जा रहा है। यह कदम न केवल वनों की सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को भी बढ़ावा देगा।
19 मार्च को चकराता के चिरिमिरी टॉप में नवगठित वन पंचायतों का एक भव्य सम्मेलन आयोजित होगा। इस दौरान जिलाधिकारी (डीएम) सविन बसंल हनोल में रात्रि प्रवास करेंगे और मंदिर परिसर के मास्टर प्लान पर चर्चा करेंगे। स्थानीय लोगों और पुरोहितों के सुझावों को सुनकर उनके हितों को शामिल किया जाएगा।
20 मार्च को त्यूनी के सुदूर इलाकों में डीएम की अध्यक्षता में एक बहुउद्देशीय शिविर लगेगा। यह शिविर जनता की समस्याओं को मौके पर हल करने और सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए होगा। बिजली, पानी, सड़क, स्कूल और अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधाओं पर जन निवेश का सोशल ऑडिट भी होगा।
डीएम ने कहा, "हमारा लक्ष्य अंतिम व्यक्ति तक सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाना है।" इस शिविर में स्वास्थ्य जांच, आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड, दिव्यांग प्रमाण पत्र, पेंशन, किसान क्रेडिट कार्ड, श्रमिक पंजीकरण और रोजगार प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी। सभी विभाग मौके पर ही आवेदनों की औपचारिकताएं पूरी करेंगे।
19 और 20 मार्च को डीएम और सभी अधिकारी चकराता-त्यूनी में रहकर जनता की समस्याएं सुनेंगे। पहली बार किसी जिले से वन पंचायतों को आपदा राहत कोष से धन दिया जा रहा है, जिससे वनाग्नि रोकथाम में मदद मिलेगी और फायर वाचर की क्षमता बढ़ेगी।
कोटी कनासर में 200 नई वन पंचायतों का सम्मेलन भी होगा। डीएम तीन दिनों तक दुर्गम क्षेत्रों में रहकर लोगों की बात सुनेंगे। प्रशासन की गंभीरता को जनता मौके पर परख सकेगी। डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिविर में पूरी तैयारी के साथ आएं और किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह आयोजन शासन की प्राथमिकता को दर्शाता है कि सुदूर ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई जाएं और जनता की शिकायतों का तुरंत समाधान हो।