Uttarakhand Big Breaking : हिस्ट्रीशीटर आशुतोष नेगी गिरफ्तार, उत्तराखंड में कई केस दर्ज!

देहरादून : देहरादून शहर में हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने स्थानीय व्यापारियों के बीच दहशत पैदा कर दी है। राजपुर रोड पर स्थित पिरामिड कैफे लॉज के मालिक प्रकाश जोशी को कुछ लोगों ने निशाना बनाया। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब जोशी ने थाना राजपुर में शिकायत दर्ज कराई कि 20 मार्च 2025 को उनके रेस्टोरेंट में 40-50 लोगों का समूह घुस आया।
ये लोग खुद को यूकेडी (उत्तराखंड क्रांति दल) के कार्यकर्ता बता रहे थे। इस घटना ने न केवल रेस्टोरेंट की शांति भंग की, बल्कि मालिक और स्टाफ के लिए एक डरावना अनुभव भी छोड़ गया।
क्या हुआ उस दिन?
प्रकाश जोशी ने बताया कि ये लोग नारे लगाते हुए रेस्टोरेंट में दाखिल हुए और स्टाफ के साथ बदतमीजी करने लगे। इतना ही नहीं, उन्होंने जोशी पर दबाव डालकर 1 लाख 7 हजार रुपये की मोटी रकम वसूल ली, जिसे वे कथित तौर पर सैलरी के नाम पर ले गए। इसके बाद भी इनका मन नहीं भरा और उन्होंने रेस्टोरेंट की छवि खराब करने की धमकी दी।
धमकियों का सिलसिला यहीं नहीं रुका—उन्होंने रेस्टोरेंट पर ताला लगाने और जान से मारने की बात तक कह डाली। जोशी के लिए यह एक भयावह स्थिति थी, जिसने उन्हें तुरंत पुलिस के पास जाने के लिए मजबूर किया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
शिकायत मिलते ही देहरादून की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने मामले को गंभीरता से लिया और जाखन चौकी प्रभारी अर्जुन गुसांई को जांच का जिम्मा सौंपा। जांच के दौरान पता चला कि 25 मार्च को आरोपियों ने जोशी को फोन पर फिर से धमकाया और पैसे की मांग की। इसके बाद जोशी ने दोबारा थाने में लिखित शिकायत दी।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर दो मुख्य आरोपियों—आशीष नेगी उर्फ उक्रांत और आशुतोष नेगी—को कृष्णा विहार, किद्दूवाला से गिरफ्तार कर लिया। दोनों को पकड़ा गया और उनके खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
कौन हैं ये आरोपी?
आशुतोष नेगी पौड़ी जिले का हिस्ट्रीशीटर है, जिसका आपराधिक रिकॉर्ड लंबा-चौड़ा है। उसके खिलाफ उत्तराखंड के अलग-अलग थानों में मारपीट, उगाही, धमकी और अन्य संगीन धाराओं में कई मामले दर्ज हैं। वहीं, आशीष नेगी भी इस घटना में बराबर का हिस्सेदार रहा। दोनों ने मिलकर न केवल रेस्टोरेंट मालिक को परेशान किया, बल्कि स्टाफ के साथ भी अभद्रता की। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में सुद्धोवाला जेल भेज दिया गया।
पुलिस इस मामले में गहन जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर यह पता लगाया जा रहा है कि इस गिरोह में और कौन-कौन शामिल हो सकता है। यह घटना स्थानीय व्यापारियों के लिए एक चेतावनी है कि वे ऐसी परिस्थितियों में तुरंत पुलिस की मदद लें। देहरादून पुलिस ने यह भी साफ किया कि शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसी गतिविधियों पर सख्ती से नजर रखी जाएगी।
यह मामला न सिर्फ कानूनी दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि समाज में अभी भी कुछ लोग दूसरों को डरा-धमकाकर अनुचित लाभ उठाने की कोशिश करते हैं। लेकिन पुलिस की मुस्तैदी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।