Uttarakhand News : उत्तराखंड में बिजली हुई महंगी! देखें कितनी यूनिट पर कितना देना होगा ज़्यादा

Uttarakhand News : उत्तराखंड के निवासियों के लिए एक बार फिर महंगाई का झटका लेकर आया है। इस बार यह झटका बिजली के बढ़ते दामों के रूप में सामने आया है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने हाल ही में बिजली की नई दरों की घोषणा की है, जिसके तहत घरेलू, व्यावसायिक, और औद्योगिक उपभोक्ताओं को अब ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।
हालांकि, राहत की बात यह है कि फिक्स्ड चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन प्रति यूनिट बिजली की कीमत में वृद्धि ने लोगों की जेब पर बोझ बढ़ा दिया है। आइए, इस बदलाव को विस्तार से समझते हैं।
घरेलू उपभोक्ताओं पर क्या होगा असर?
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की कीमत में प्रति यूनिट 33 पैसे की वृद्धि की गई है। अगर आप 100 यूनिट तक बिजली का उपयोग करते हैं, तो आपको अब प्रति यूनिट 25 पैसे अतिरिक्त देने होंगे। वहीं, 101 से 200 यूनिट के बीच उपयोग करने वालों के लिए यह वृद्धि 35 पैसे प्रति यूनिट है।
अगर आपका बिजली का उपयोग 201 से 400 यूनिट के बीच है, तो आपको 45 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा चुकाने होंगे। और यदि आप 400 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करते हैं, तो भी प्रति यूनिट 45 पैसे की बढ़ोतरी लागू होगी। यह बदलाव छोटे और मध्यम वर्ग के परिवारों के बजट को प्रभावित कर सकता है, खासकर उन लोगों को जो पहले से ही बढ़ती महंगाई से जूझ रहे हैं।
व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्र में भी बढ़ा बोझ
नए टैरिफ के तहत व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए भी बिजली की कीमतों में इजाफा हुआ है। छोटे व्यवसायों, जैसे दुकानों और छोटे प्रतिष्ठानों, को अब प्रति यूनिट 42 पैसे ज्यादा देने होंगे। वहीं, छोटे उद्योगों के लिए यह वृद्धि 36 पैसे और बड़े उद्योगों के लिए 46 पैसे प्रति यूनिट है।
इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिए भी बिजली की दरों में 65 पैसे प्रति यूनिट की भारी बढ़ोतरी की गई है। यह बदलाव उन व्यवसायियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो पहले से ही कोविड महामारी और आर्थिक अनिश्चितता के प्रभाव से उबरने की कोशिश कर रहे हैं।
हिमालयी क्षेत्र और संस्थानों पर भी असर
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी इस वृद्धि का सामना करना पड़ेगा। यहां प्रति यूनिट बिजली की कीमत में 10 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। इसके अलावा, सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों, जैसे स्कूलों और अस्पतालों, के लिए भी बिजली की दरें बढ़ाई गई हैं। 25 किलोवाट तक बिजली उपयोग करने वाले संस्थानों को 30 पैसे प्रति यूनिट और 25 किलोवाट से ज्यादा उपयोग करने वालों को 35 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त देने होंगे। यह वृद्धि उन संस्थानों के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है जो पहले से ही सीमित बजट में काम कर रहे हैं।
कृषि और बड़े उद्योगों पर फिक्स्ड चार्ज का बोझ
आयोग ने कुछ बड़े उद्योगों, खासकर कृषि से जुड़े उद्योगों, पर फिक्स्ड चार्ज में भी बदलाव किया है। अब इन उद्योगों को 75 से 100 रुपये तक का फिक्स्ड चार्ज देना होगा। यह बदलाव उन उद्यमियों को प्रभावित कर सकता है जो पहले कम फिक्स्ड चार्ज का लाभ उठा रहे थे। हालांकि, छोटे किसानों और सामान्य उपभोक्ताओं के लिए फिक्स्ड चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जो एक राहत की बात है।
उपभोक्ताओं की बढ़ती चिंता
बिजली की कीमतों में यह वृद्धि उत्तराखंड के लोगों के लिए एक नई चुनौती लेकर आई है। पहले से ही बढ़ती महंगाई और जीवन यापन की लागत ने लोगों का बजट बिगाड़ रखा है, और अब बिजली के दामों में यह इजाफा उनकी मुश्किलें और बढ़ा सकता है। खासकर ग्रामीण और हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले लोग, जहां बिजली का उपयोग सीमित लेकिन जरूरी है, इस बदलाव से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। उपभोक्ता अब सरकार और नियामक आयोग से राहत की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि उनकी जेब पर पड़ने वाला यह अतिरिक्त बोझ कम हो सके।
यह बदलाव न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सामाजिक स्तर पर भी लोगों को प्रभावित करेगा। बिजली एक ऐसी मूलभूत जरूरत है, जिसका असर हर घर, हर व्यवसाय और हर संस्थान पर पड़ता है। ऐसे में, यह जरूरी है कि सरकार और संबंधित विभाग इस दिशा में ठोस कदम उठाएं और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए वैकल्पिक उपायों पर विचार करें।