आईआईटी रुड़की द्वारा आयोजित 'टेक फॉर सेवा' इवेंट के माध्यम से ग्रामीणों व किसानों के लिए उपयोगी सरल तकनीकी उपकरणों का हुआ प्रदर्शन

रीजनल कोऑर्डिनेटिंग इंस्टिट्यूट आईआईटी रुड़की द्वारा रीजनल लेवल पर 'टेक फॉर सेवा' इवेंट का आयोजन किया गया। इस इवेंट में उन्नत भारत अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड राज्य के संस्थानों द्वारा विकसित सरल तकनीकी उपकरणों का प्रदर्शन किया गया।
आईआईटी रुड़की द्वारा आयोजित 'टेक फॉर सेवा' इवेंट के माध्यम से ग्रामीणों व किसानों के लिए उपयोगी सरल तकनीकी उपकरणों का हुआ प्रदर्शन

रुड़की : रीजनल कोऑर्डिनेटिंग इंस्टिट्यूट आईआईटी रुड़की द्वारा रीजनल लेवल पर 'टेक फॉर सेवा' इवेंट का आयोजन किया गया। इस इवेंट में उन्नत भारत अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड राज्य के संस्थानों द्वारा विकसित सरल तकनीकी उपकरणों का प्रदर्शन किया गया।

इन संस्थान के छात्रों को उन्नत भारत अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत गोद लिए गए गाँवों के सर्वे के दौरान ग्रामीणों की प्रमुख समस्याओं से रूबरू होने का अवसर प्राप्त हुआ। जिसके बाद छात्रों के मन में उपजे आइडियाज व पार्टिसिपेटिंग इंस्टीटूट्स के कोऑर्डिनेटर्स की प्रेरणा से सम्बंधित संस्थानों द्वारा ग्रामीणों व किसानों के लिए उपयोगी सरल तकनीकी उपकरणों को विकसित किया गया है।

 'टेक फॉर सेवा' इवेंट के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए आईआईटी रुड़की के उप निदेशक प्रो० मनोरंजन परिदा ने कहा कि आईआईटी रुड़की जब अपना 175वां स्थापना दिवस मना रहा है, तो ऐसे समय में हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि उन्नत भारत अभियान व ग्रामीण कृषि-मौसम सेवा परियोजना जैसे कार्यक्रमों के जरिये संस्थान ग्रामीणों व किसानों से सीधे जुड़कर तकनीक के माध्यम से उनके जीवन को सुगम व सरल बनाने में अपनी भूमिका का सम्यक निर्वहन कर रहा है। 

उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए आईआईटी रुड़की के डीन स्रिक प्रो० अक्षय द्विवेदी ने बताया कि आईआईटी रुड़की द्वारा शुरू किया गया 'कोमल' प्रोजेक्ट एक ऐसी स्कीम है, जिसमें कोई भी आम आदमी (अन्वेषक) अपने नवोन्वेषी विचार/डिज़ाइन के साथ आईआईटी रुड़की के डिज़ाइन इनोवेशन सेंटर से जुड़ सकता है।

यह आम आदमी को आईआईटी रुड़की जैसे संस्थान से जोड़ने की अभिनव पहल है। आईआईटी जैसे संस्थान आम आदमी की जरूरतों से जुड़े शोध व तकनीक के माध्यम से ही अपनी स्थापना के समग्र उद्देश्य व सार्थकता को प्रमाणित कर सकते हैं। 

उन्नत भारत अभियान क्षेत्रीय समन्वय संस्थान आईआईटी रुड़की के रीजनल कोऑर्डिनेटर प्रो० आशीष पाण्डेय ने बताया कि उक्त कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के 45 तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 40 सहभागी संस्थानों सहित 450 सरपंच/ग्राम प्रधानों के माध्यम से लगभग 375 गाँवों में उन्नत भारत अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थी स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

इसके अंतर्गत तकनीक को गांव व किसान के लिए उपयोगी बनाने व ग्रामीणों के जीवन स्तर में अपेक्षित सुधार लाने व उनके जीवन को सरल बनाने के लिए निरंतर प्रयास जारी है। प्रो० पाण्डेय ने बताया कि उक्त इवेंट में उत्कृष्ट तीन उपकरणों/तकनीक को चयनित करके उन्नत भारत अभियान नेशनल कोऑर्डिनेटिंग इंस्टिट्यूट दिल्ली को भेजा जायेगा, जिन्हें बाद में पूरे देश से चयनित 75 तकनीक के कम्पेंडियम में शामिल किया जायेगा।

इसके लिए तकनीकी सत्रों में सम्बंधित संस्थानों के प्रस्तुतीकरण व स्टाल में प्रदर्शित उपकरणों के प्रदर्शन के आधार पर प्रो० एम एल कंसल तथा प्रो० कृतिका कोठरी की टीम द्वारा मूल्याङ्कन करने के उपरांत उत्कृष्ट प्रविष्टियों को चयनित किया जायेगा।

Share this story