Uttarakhand Exclusive : खतरे में राज्य महिला आरक्षण, राज्य सरकार उठाये उचित कदम

पिछले दिनों नैनीताल उच्च न्यायालय में हरियाणा की पवित्रा चौहान एवं अन्य द्वारा एक याचिका दाखिल की गई है जिसमें उत्तराखंड राज्य की महिलाओं के लिए आरक्षण को चुनौती देते हुए ये मांग की गई है कि अन्य राज्यों की महिलाओं को भी उत्तराखंड राज्य की सेवाओं में आरक्षण दिया जाए। 
Uttarakhand Exclusive : खतरे में राज्य महिला आरक्षण, राज्य सरकार उठाये उचित कदम

देहरादून : उत्तराखंड राज्य महिला आरक्षण बचाओ मंच ने सरकार से मांग की है कि राज्य की महिलाओं के आरक्षण को बचाने हेतु सरकार उचित कदम उठाए।

ध्यातव्य है कि पिछले दिनों नैनीताल उच्च न्यायालय में हरियाणा की पवित्रा चौहान एवं अन्य द्वारा एक याचिका दाखिल की गई है जिसमें उत्तराखंड राज्य की महिलाओं के लिए आरक्षण को चुनौती देते हुए ये मांग की गई है कि अन्य राज्यों की महिलाओं को भी उत्तराखंड राज्य की सेवाओं में आरक्षण दिया जाए। 

उत्तराखंड राज्य महिला आरक्षण बचाओ मंच ने इस घटनाक्रम को गम्भीर से लिया है और कहा कि राज्य की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण पहले ही शिक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है।

अब महिला आरक्षण में सबको लाभ देना राज्य की महिलाओं के साथ अन्याय होगा और उनके स्थान पर दिल्ली-एनसीआर के सर्वसुविधाप्राप्त धनाढ्य वर्ग की महिलाएँ ही यहाँ नौकरी पा सकेंगीं। साथ ही मंच के अनुसार ऐसी महिलाएँ अपना स्थानांतरण देहरादून और अन्य मैदानी क्षेत्रों में ही चाहेंगीं और पहाड़ों में नौकरी करने से बचना चाहेंगीं। 

अतः मंच की मांग है कि संविधान के अनुच्छेद 16(4) के अंतर्गत राज्य की महिलाओं के आरक्षण को सुरक्षा दी जाए। राज्य सरकार अपने पुराने निर्णय में संशोधन करे और उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर 16(4) में राज्य की महिलाओं की पिछड़ी स्थिति का हवाला देते हुए न्यायालय में इस प्रकरण के पीछे पूरी शक्ति से कार्य करे।

अन्यथा मंच अन्य छात्र , महिला एवं युवा संगठनों के साथ सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन को बाध्य होगा।

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