Rudraprayag : विधायक चौधरी का खुलासा, कांग्रेस ने संविधान को बार-बार बदला - अब बचाने चली!

Rudraprayag : क्या संविधान की रक्षा का दावा करने वाली कांग्रेस वाकई इसकी हितैषी है? रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी ने कांग्रेस की ‘संविधान बचाओ यात्रा’ को महज एक राजनीतिक नौटंकी करार देते हुए जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी ने आपातकाल के दौरान संविधान का गला घोंटा, वह आज ढोंग रच रही है। प्रेस वार्ता में चौधरी ने इतिहास के पन्नों को पलटते हुए कांग्रेस के उन काले कारनामों की फेहरिस्त पेश की, जो संविधान के साथ खिलवाड़ का सबूत हैं।
चौधरी ने 1975 के आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध ठहराया, तो उन्होंने देश पर आप 25 जून 1975 को आपातकाल थोप दिया। इतना ही नहीं, 22 जुलाई 1975 को 38वें संविधान संशोधन के जरिए न्यायिक समीक्षा को भी खत्म करने की कोशिश की गई। चौधरी ने सवाल उठाया, “क्या यह संविधान की रक्षा थी?”
उन्होंने 42वें संविधान संशोधन का भी उल्लेख किया, जिसके तहत संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द जोड़े गए। यह बदलाव उस समय विवादों में रहा था, क्योंकि कई दलों ने इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया था। चौधरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने संविधान में बदलाव कर इंदिरा गांधी को आजीवन प्रधानमंत्री बनाने और न्यायपालिका को सरकार के अधीन करने की साजिश रची।
क्या आपको पता है कि कांग्रेस ने 2015 में संविधान दिवस मनाने का भी विरोध किया था? चौधरी ने बताया कि मोदी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया, ताकि नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों का प्रचार हो। लेकिन कांग्रेस ने इसे भी राजनीति का हथियार बना लिया। इतना ही नहीं, बाबा साहब अंबेडकर की 125वीं जयंती पर भी कांग्रेस ने विरोध जताया था।
चौधरी ने अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए कहा कि 1949 में कांग्रेस ने इसे संविधान में शामिल कर जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्यधारा से अलग कर दिया। “दो निशान, दो प्रधान, दो संविधान का नारा देकर देश को बांटने का काम किया गया,” उन्होंने कहा। इसके अलावा, 1951 में अनुच्छेद 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित कर मीडिया और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया गया।
उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा। चौधरी के मुताबिक, कांग्रेस अपनी हार का ठीकरा हमेशा ईवीएम और चुनाव आयोग पर फोड़ती है। भ्रष्टाचार पर कार्रवाई से बचने के लिए वह संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाती है। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 हटाकर ‘एक निशान, एक प्रधान, एक संविधान’ का सपना साकार किया। जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्यधारा से जोड़ा गया।
चौधरी ने अंत में कहा, “कांग्रेस का इतिहास संविधान के साथ छेड़छाड़ का रहा है। उनकी ‘संविधान बचाओ यात्रा’ सिर्फ दिखावा है। जनता अब उनके झूठ को समझ चुकी है।” प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष भारत भूषण भट्ट, पूर्व जिलाध्यक्ष विजय कप्रवाण, जिला मीडिया प्रभारी सतेन्द्र बर्त्वाल और अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।