UKSSSC Paper Leak : पेपर लीक करवाने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिक को मिली जमानत

राजेश कुमार चौहान लखनऊ की आरएमएस प्रिंटिंग प्रेस के मालिक हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने इसी प्रेस से यूकेएसएसएससी परीक्षा का पेपर लीक करवाया था।
UKSSSC Paper Leak : पेपर लीक करवाने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिक को मिली जमानत

नैनीताल हाईकोर्ट ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक में शामिल प्रिंटिंग प्रेस के मालिक राजेश चौहान को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। राजेश चौहान की ओर से पेश जमानत प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि वह अगस्त 2022 से देहरादून की जेल में बंद हैं।

एसटीएफ देहरादून ने उन्हें पेपर लीक के मामले में अभियुक्त बनाया है जबकि उनका नाम एफआईआर में नही था। पुलिस ने उन्हें सह अभियुक्त के बयानों के आधार पर इस मामले में पक्षकार बनाया गया।

जमानत प्रार्थना पत्र में यह भी कहा गया कि उनके खिलाफ इस मामले में चार मुकदमे दर्ज हुए हैं जिसमें से उन्हें एक मुकदमे में पहले ही निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है। एक मामला सुप्रीम कोर्ट और एक निचली अदालत में लंबित है। इस याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नारायण हरगुप्ता ने पैरवी की।

कौन हैं राजेश कुमार चौहान

राजेश कुमार चौहान लखनऊ की आरएमएस प्रिंटिंग प्रेस के मालिक हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने इसी प्रेस से यूकेएसएसएससी परीक्षा का पेपर लीक करवाया था। एसटीएफ टीम ने उन्हें 27 अगस्त 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। एसआईटी ने उनके और अन्य आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467,468,471,409 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया। तब से वह जेल में हैं।

जेल में ही रहेगा आरएमएस का मालिक राजेश चौहान

आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन के मालिक राजेश चौहान को हाईकोर्ट से केवल सचिवालय रक्षक भर्ती धांधली के मामले में ही जमानत मिली है। अभी उसके खिलाफ तीन और मामले विचाराधीन हैं। इनमें सबसे बड़ा मामला स्नातक स्तरीय परीक्षा में धांधली शामिल है। लिहाजा, वह फिलहाल जेल में ही रहेगा। बता दें कि पिछले दिनों दरोगा भर्ती धांधली में उसे सत्र न्यायालय ने जमानत दी थी।

लेकिन, एसटीएफ ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी तो यह जमानत हाईकोर्ट ने रद्द कर दी। अब एसटीएफ सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा में राजेश की जमानत के खिलाफ भी अपील करेगी। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपियों को जो निचली अदालतों से जमानत मिली हैं उनके खिलाफ लगातार अपील की जा रही है। इसके लिए अलग से अधिवक्ता की नियुक्ति की गई है। इस मामले में भी उच्च स्तर पर जमानत का विरोध किया जाएगा।

फॉरेस्ट गार्ड पेपर लीक मामले में आरोपियों को नोटिस

फॉरेस्ट गार्ड पेपर लीक करने के मामले में एकलपीठ के आदेश पर खंडपीठ ने अगले आदेश तक रोक लगाते हुए विपक्षी प्रीति सहित तीन अन्य को नोटिस जारी किया है। 2 मार्च 2022 को एकलपीठ ने पेपर लीक के आरोपियों को मेरिट लिस्ट में शामिल करने के आदेश दिए थे। एकलपीठ के समक्ष इन आरोपियों ने कहा था कि उनके खिलाफ चार्जशीट निरस्त कर दी गई है इसलिए उनको नौकरी दी जाए और मेरिट लिस्ट में उन्हें शामिल किया जाए।

एकलपीठ ने दो मार्च 2022 को इन आरोपियों के पक्ष में फैसला दिया था जिसे यूकेएसएसएससी ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में चुनौती दी है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

2018 में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती पेपर लीक में 100 से ज्यादा आरोपी बनाए गए थे। एकलपीठ के आदेश को चुनौती देते हुए यूकेएसएसएससी ने स्पेशल अपील दायर कर कहा था कि आरोपियों को न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली थी। इन्होंने शिकायतकर्ता के साथ न्यायालय में आपसी समझौता कर लिया था। इसलिए इनको इसका लाभ नहीं दिया जा सकता।

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